scriptकांधे वाली काली मां के दरबार में उमड़ा आस्था का सैलाब | A flood of faith swelled in the court of Kandhe Wali Kali Maa | Patrika News
सागर

कांधे वाली काली मां के दरबार में उमड़ा आस्था का सैलाब

जय माई के गूंजे जयकारे सागर. नवरात्रि पर्व की अष्टमी पर पुरव्याऊ टौरी पर कांधे वाली काली मां की महाआरती में आस्था का सैलाब उमड़ा। गुरुवार शाम को हजारों भक्तों ने माता की महाआरती की। आरती लगभग 45 मिनट चली। शाम 6 बजे से 6.45 बजे तक माता की आरती हुई। कतार में खड़े होकर […]

सागरOct 11, 2024 / 07:08 pm

नितिन सदाफल

पुरव्याऊ टौरी पर कांधे वाली काली मां की महाआरती हुई

पुरव्याऊ टौरी पर कांधे वाली काली मां की महाआरती हुई

जय माई के गूंजे जयकारे

सागर. नवरात्रि पर्व की अष्टमी पर पुरव्याऊ टौरी पर कांधे वाली काली मां की महाआरती में आस्था का सैलाब उमड़ा। गुरुवार शाम को हजारों भक्तों ने माता की महाआरती की। आरती लगभग 45 मिनट चली। शाम 6 बजे से 6.45 बजे तक माता की आरती हुई। कतार में खड़े होकर करीब 5 हजार भक्तों ने आरती की। पूरा पंडाल परिसर जय माई काली माई के जयकारों से गूंजायमान हो गया। इसके बाद यहां प्रसादी वितरित की गई। दशहरा के मौके पर भक्त माता को कंधों पर बैठाकर चल माई काली के जयकारों के साथ चल समारोह निकालेंगे। चल समारोह के आगे मशाल चलेगी। यहां काली मां की स्थापना 120 वें वर्ष की गई है। यहां 1905 में दुर्गोत्सव की शुरुआत हुई थी तो लाइट के इंतजाम नहीं थे। तब आगे मां की सवारी और पीछे मशाल चलती थी। अब आगे मशाल और पीछे भक्त के कंधों पर मां की पालकी होती है। चल माई चल माई उद्घोष के साथ दोनों तरफ मां के दर्शन के लिए श्रृद्धालुओं का सैलाब नजर आता है। काली माई के दर्शनों के लिए जिले भर के भक्त शामिल होंगे।

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