नगर निगम की योजना के मुताबिक एक साल के भीतर पाइपलाइन शिफ्टिंग का कार्य पूरा करना है। अभी सड़क निर्माण का भी कार्य होना बाकी है। रतहरा बायपास से लेकर चोरहटा बायपास तक यह कार्य होना है। पहले सड़क और उसके किनारे बनने वाली नाली का स्ट्रक्चर तैयार होगा इसके बाद ही पाइपलाइन का कार्य शुरू होगा। कुछ जगह जहां सड़क बन गई है वहां पर पाइपलाइन उसके नीचे हो गई है। साथ ही कई जगह पाइप के ऊपर नालियां भी बनाई जा रही हैं।
चोरहटा से लेकर रतहरा तक शहर के मुख्य मार्ग को माडल रोड प्रोजेक्ट के तहत पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग द्वारा निर्माण कराया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट की वजह से नगर निगम की पाइपलाइन बाधित हो रही है। इसी के चलते कुछ दिन पहले ही नगर निगम ने पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखकर उक्त पाइपलाइन की शिफ्टिंग के लिए राशि मुहैया कराने के लिए कहा था। जिस पर विभाग तैयार हो गया है और निगम को राशि देगा। इस कारण निगम ने 10.18 करोड़ रुपए की प्रारंभिक लागत का टेंडर भी जारी कर दिया है।
शहर के समान तिराहे के पास बनाए जा रहे फ्लाईओवर ब्रिज के निर्माण की वजह से नगर निगम को बड़ा नुकसान हुआ है। निगम ने कुछ दिन पहले इसके लिए 2.45 करोड़ रुपए की भरपाई कराने के लिए पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग को नोटिस जारी किया था। इस राशि के साथ ही 8.96 करोड़ रुपए रतहरा से चोरहटा बायपास तक पाइपलाइन बिछाने में राशि खर्च होगी। जिसके चलते दोनों राशि मिलाकर दस करोड़ रुपए से अधिक का खर्च करने की तैयारी की जा रही है।
पूर्व में नगर निगम के अधिकारियों ने बड़े कार्यों के दौरान इस ओर ध्यान नहीं दिया कि पाइपलाइन के मेंटेनेंस में कठिनाइयां भी आएंगी। जिसकी वजह से आए दिन पाइपलाइन में लीकेज एवं अन्य समस्याओं की वजह से शहर के प्रमुख सड़कों को खोदकर कार्य कराया जा रहा है। इस कार्य में नगर निगम को लाखों रुपए का आर्थिक घाटा हो रहा है। कुछ कार्य पाइपलाइन मेंटेनेंस का कार्य देख रही सीएमआर कंपनी से भी कराए जाते हैं।
शहर में माडल रोड का निर्माण चल रहा है, जिसकी वजह से पेयजल सप्लाई लाइन सड़क के नीचे हो जाएगी और मेंटेनेंस के दौरान सड़क को तोडऩा पड़ेगा। इसलिए पीडब्ल्यूडी से चर्चा कर इस पाइपलाइन की शिफ्टिंग कराने की तैयारी की जा रही है। इसमें करीब दस करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है।
एसके चतुर्वेदी, कार्यपालन यंत्री नगर निगम
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