– स्थापना वर्ष को लेकर चल रहा है विवाद
टीआरएस कालेज के प्रबंधन ने स्थापना के 150 वर्ष पूरे होने पर भव्य कार्यक्रम की तैयारी शुरू की थी। जिसमें राष्ट्रपति को भी आमंत्रण भेजा गया था। इस पर शिकायतकर्ता बीके माला ने आपत्ति उठाई थी कि जब टीआरएस कालेज का 100 वर्ष पूरा होने का स्थापना वर्ष सन 1984 में मनाया गया था, तो अब 150 वर्ष कैसे पूरे हो रहे हैं। उक्त अवधि से अब तक 36 वर्ष ही पूरे हुए हैं। शताब्दी वर्ष समारोह के आयोजन में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह सहित कई प्रमुख लोग शामिल हुए थे। इस पर संभागायुक्त ने जांच कराते हुए टीआरएस कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. रामलला शुक्ला के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भेज दिया है। जिसके बाद से शहर में अलग-अलग संगठनों के लोग आपत्ति दर्ज करा रहे हैं और तर्क दे रहे हैं कि सन 1869 में पब्लिक स्कूल की शुरुआत हुई थी और बाद में वह हाईस्कूल और कालेज के रूप में परिवर्तित कर दी गई। इसलिए अब तक उक्त स्थापना वर्ष से लेकर 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस पर राजघराने की ओर से पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह एवं विधायक दिव्यराज सिंह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि स्थापना वर्ष 1869 का ही है।
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रीवा। एक ओर टीआरएस कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. रामलला शुक्ला पर प्रस्तावित कार्रवाई का विरोध अलग-अलग संगठनों की ओर से किया जा रहा है। अब तक दर्जनों की संख्या में आपत्तियां सामने आई हैं। इसी बीच शुक्रवार को कुछ युवकों ने संभागायुक्त कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपकर पूर्व में किए गए प्रस्ताव को जायज बताते हुए पूर्व प्राचार्य रामलला शुक्ला पर त्वरित कार्रवाई की मांग उठाई। साथ ही कहा है कि किसी तरह से दबाव में प्रशासन नहीं आए। ज्ञापन देने वाले आलोक तिवारी, अखिल पाण्डेय, प्रांचल पाण्डेय, वरुण शुक्ला, देवव्रत, पवन सिंह आदि ने कहा है कि पूर्व प्राचार्य ने टीआरएस कालेज में इतना बड़ा आयोजन करने की घोषणा कर दी लेकिन जिला प्रशासन से अनुमति तक नहीं ली। निर्धारित प्रोटोकाल का भी उल्लंघन जांच में सामने आया है, इसलिए त्वरित कार्रवाई की जाए।