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रीवा

चापलूसों से घिरे रहे जिपं सीइओ, सरकार ने ढाई माह में ही छीन ली कुर्सी

जिले में 200 से अधिक कर्मचारियों के खिलाफ नोटिस का खेल, शासन स्तर पर शिकायत पर शासन ने छीनी कुर्सी, रीवा जिला पंचायत सीइओ का स्थानांतरण

रीवाMay 30, 2019 / 04:38 pm

Rajesh Patel

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रीवा. लोकसभा चुनाव के ऐन वक्त जिला पंचायत कार्यालय में ज्वाइन करने वाले सीइओ हरि सिंह मीणा महज ढाई माह के भीतर हटा दिए गए। दरअसल, सीइओ की कार्य प्रणाली से कांग्रेसी असंतुष्ट रहे। कर्मचारियों का आरोप है कि ज्वाइन करने के बाद पखवाड़ेभर के भीतर जिला मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर पर 200 से अधिक पंचायत कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर बहाल करने का खेल किया जा रहा था। इसके बदले में आला अफसरों के नाम पर कर्मचारियों से उगाही की जाती थी।
आचार संहिता में ही बदल दी थी व्यवस्था
आचार संहिता लागू होने के एक दिन पहले स्थानांतिर होकर आए जिला पंचायत सीइओ ने दूसरे दिन ही कार्यालय की व्यवस्था में बदलाव कर दिए। करीब सप्ताहभर के भीतर जिला पंचातय सीइओ के स्टेनो रहे डीएस सेंगर को हटाकर लोकशिक्षण विभाग के कार्यालय भेज दिया। इनकी जगह स्वच्छता मिशन कार्यालय के एक कंप्यूटर आपरेटर को स्टेनों की जिम्मेदारी दे दी गई। इसके अलावा कार्यालय में परियोजना अधिकारियों से लेकर अन्य कर्मचारियों के बीच दो गुट हो गया। दोनों गुटों के असंतोष की चिंगारी सुलग रही थी।
चुनाव के दौरान 200 कर्मचारियों का कर दिया तबादला
आचार संहिता के दौरान पंचायत स्तर पर करीब २०० कर्मचारियों के खिलाफ नोटिस जारी कर खेल किया जा रहा था। कार्रवाई को लेकर कर्मचारियों ने शासन स्तर पर जिला पंचायत सीइओ का फीडबैक गलत भेजने लगे। ढाई माह के भीतर ही जिला पंचायत सीइओ तरह-तरह की चर्चा में रहे। दो दिन पहले रीवा चोरहटा हवाई पट्टी पर मुख्यमंत्री कमलनाथ और पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री कमलेश्वर पटेल, पूर्व सीएम दिग्विजय सहित अन्य बड़े नेता पहुंचे थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला पंचायत सीइओ के मनमानी की शिकायत की।
मुख्यमंत्री वापस हुए तो शाम को आया आदेश
मुख्यमंत्री सहित नेताओं के भोपाल वापस पहुंचने तक देरशाम जिला पंचायत सीइओ के स्थानांतरण का आदेश वाटएसग्रुप में वायरल हो गया। उधर, स्टेनो डीएस सेंगर का कहना है कि गलत नीतियों के कारण सीइओ को यहां से जाना पड़ा।

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