आचार संहिता लागू होने के एक दिन पहले स्थानांतिर होकर आए जिला पंचायत सीइओ ने दूसरे दिन ही कार्यालय की व्यवस्था में बदलाव कर दिए। करीब सप्ताहभर के भीतर जिला पंचातय सीइओ के स्टेनो रहे डीएस सेंगर को हटाकर लोकशिक्षण विभाग के कार्यालय भेज दिया। इनकी जगह स्वच्छता मिशन कार्यालय के एक कंप्यूटर आपरेटर को स्टेनों की जिम्मेदारी दे दी गई। इसके अलावा कार्यालय में परियोजना अधिकारियों से लेकर अन्य कर्मचारियों के बीच दो गुट हो गया। दोनों गुटों के असंतोष की चिंगारी सुलग रही थी।
आचार संहिता के दौरान पंचायत स्तर पर करीब २०० कर्मचारियों के खिलाफ नोटिस जारी कर खेल किया जा रहा था। कार्रवाई को लेकर कर्मचारियों ने शासन स्तर पर जिला पंचायत सीइओ का फीडबैक गलत भेजने लगे। ढाई माह के भीतर ही जिला पंचायत सीइओ तरह-तरह की चर्चा में रहे। दो दिन पहले रीवा चोरहटा हवाई पट्टी पर मुख्यमंत्री कमलनाथ और पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री कमलेश्वर पटेल, पूर्व सीएम दिग्विजय सहित अन्य बड़े नेता पहुंचे थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला पंचायत सीइओ के मनमानी की शिकायत की।
मुख्यमंत्री सहित नेताओं के भोपाल वापस पहुंचने तक देरशाम जिला पंचायत सीइओ के स्थानांतरण का आदेश वाटएसग्रुप में वायरल हो गया। उधर, स्टेनो डीएस सेंगर का कहना है कि गलत नीतियों के कारण सीइओ को यहां से जाना पड़ा।