बताया जा रहा है कि शुक्रवार की दोपहर में कुछ लोग एक मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे। आरोप है कि डॉक्टर ने मरीज को भर्ती नहीं किया जिस पर वो भड़क गए। घटना के बाबत बताया जाता है कि जिले के सिरमौर निवासी राजमणि साकेत मारपीट में गंभीर रूप से घायल हो गए। गत 26 मार्च को सर्जरी वार्ड में उन्हें भर्ती कराया गया था। पेट में सर्जरी के कारण डॉक्टर ने शौच के लिए पेट में नली लगा दी थी। राजमणि का इलाज 26 मार्च से 6 अप्रैल तक अस्पताल में चला। तबीयत में सुधार होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
वह दोबार जांच के लिए उन्हें 5 मई को अस्पताल बुलाया गया था। डॉक्टर ने दोबारा भर्ती कर लिया। शुक्रवार दोपहर डॉक्टर ने उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। तभी परिजनों ने डॉक्टर से वह नली निकालने की बात कही जो शौच के लिए पेट में लगाई गई थी। इस पर डॉक्टर का जवाब था कि नली 15 दिन बाद निकाली जाएगी। इस दौरान इलाज जारी रहेगा। तत्काल नली निकालने से दिक्कत हो सकती है। इस पर मरीज के परिजन नली निकलवाने के लिए दबाव बनाने लगे। इसी पर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। हालांकि बीचबचाव के बाद तत्काल तो मामला शांत हो गया।
लेकिन गुस्साए परिजन मरीज को लेकर बाहर निकले और सड़क पर मरीज को सुला कर जाम लगा दिया। वो डॉक्टर के खिलाप कार्रवाई की मांग करने लगे। तकरीबन एक घंटे तक यह सब चलता रहा। इसकी सूचना मिलते ही अमहिया थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मरीज को लेकर आकस्मिक चिकित्सा विभाग में ले गई। वहां सीएमओ डॉ शिखआ श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया कि डॉक्टर ट्रीटमेंट के हिसाब से परिजनों को समझा रहे थे। इसी बीच मरीज के साथ आए कुछ लोग जबरदस्ती दबाव बनाने लगे। सीएमओ के समझाने पर परिजन शांत हुए और घर लौट गए।