तरणताल की साफ-सफाई कराकर खेल गतिविधियां तो शुरू नहीं हुई बल्कि बारिश के कारण यहां पानी भर गया है और इस गंदे पानी में मछलियां और मेडक अठखेलियां कर रहे हैं। बताया गया है कि तरणताल बहुत समय तक खाली पड़ा रहा लेकिन वर्तमान में बारिश का गंदा पानी हुाआ है।
रीवा के मिहिर सेन तरणताल की डिजाइन उच्च मापदंडों को ध्यान में रखकर की गई थी। यहीं कारण है कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का डायविंग पूल है और यहां से कई राष्ट्रीय तैराक निकले तथा विंध्य का नाम रोशन किया। यहां से राष्ट्रीय तैराक रावेन्द्र सोनी, नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट श्रद्धा द्विवेदी, आशुतोष तिवारी, आष्कृत तिवारी, विकास पाण्डेय आदि विंध्य का नाम रोशन का किया है।
शहर के मिहिर सेन तरणताल में प्रतिवर्ष ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर विंध्य क्षेत्र के बालक-बालिकाओं को तैराकी का प्रशिक्षण दिया जाता था। लेकिन अब कोरोना काल से ही सभी गतिविधियाां बंद पड़ी हैं। सीनियर तैराकों ने इसको पुन: शुरू करने के लिए निगर निगम को ज्ञापन दिया और पत्र भी लिखा है, लेकिन इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी तरणताल को शुरू करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जिससे इस क्षेत्र के बच्चे तैराकी से बंचित हो रहे हैं।
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मिहिर सेन तरणताल की हालत ठीक नहीं है लेकिन उसके कायाकल्प की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आवश्यक कार्य के लिए टेंडर जारी हो गया है। जल्द ही मरम्मत कार्य व सौंदर्यीकरण कराकर तैराकी के लिए खोल दिया जाएगा।
अजय मिश्रा बाबा, महापौर रीवा