—
पांच से दस हजार तक दी राशि
विधायक राजेन्द्र शुक्ला ने स्वेच्छानुदान के तहत रतहरा में आइएचएसडीपी योजना के मकानों में रहने वाले लोगों को उपचार कराने के नाम पर पांच से दस हजार तक रुपए दिया है। इसमें अधिकांश वह लोग हैं जिन्हें रानीतालाब से विस्थापित कर लाया गया था। योजना एवं सांख्यिकी विभाग ने नगर निगम आयुक्त को 76 लोगों की सूची सौंपी है। जिसमें कहा गया है कि हितग्राहियों को आवंटित राशि के अनुसार प्रदाय कर उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाए।
–
हितग्राही अंशदान नहीं देने से आवंटन रुका
आइएचएसडीपी योजना के मकान केन्द्र और राज्य सरकार के सहयोग से नगर निगम ने बनाए थे। योजना के तहत स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों को यह मकान दिए जाने हैं। जिसमें हितग्राही का भी अंशदान होगा। लागत के अनुसार नगर निगम ने डेढ़ लाख रुपए हितग्राही का अंशदान निर्धारित किया है। जिसमें पूर्व में 15 हजार रुपए देकर दर्जनभर लोगों ने बैंक से लोन भी लिया था, उसने अब बैंक शेष किश्तों की राशि मांग रहा है। अन्य हितग्राहियों ने अपना अंशदान नहीं दिया जिसकी वजह से अब तक मकानों का आवंटन नहीं हो सका है। कुछ दिन पहले ही विधायक राजेन्द्र शुक्ला, कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों ने बैठक कर बैंक फाइनेंस कराने पर चर्चा की थी। माना जा रहा है कि इसी के तहत ही विधायक ने हितग्राहियों को उपचार के नाम पर राशि दी है, ताकि वह उक्त राशि जमाकर मकानों का आवंटन करा सकें।
–
साल भर पहले सुर्खियों में आया था प्रोजेक्ट
नगर निगम द्वारा तैयार किया गया यह आवासीय प्रोजेक्ट करीब एक वर्ष पहले सुर्खियों में आया था। जब नगर निगम आयुक्त ने विधायक राजेन्द्र शुक्ला को 4.94 करोड़ रुपए वसूली का नोटिस थमा दिया था। आरोप था कि विधायक के कहने पर ही लोगों ने निगम द्वारा निर्मित कराए गए मकानों पर कब्जा कर लिया है। जिससे निगम को मिलने वाली राशि नहीं मिल पाई है। किसी अधिकारी द्वारा जनप्रतिनिधि को इस तरह से नोटिस दिए जाने का मामला सामने आने से यह पूरे प्रदेश में सुर्खियों में आया था।
—
—
विधायक स्वेच्छानुदान के लिए गाइडलाइन निर्धारित है। किस व्यक्ति को किस वजह से राशि दी गई है, इस पर हमारा नियंत्रण नहीं रहता। नगर निगम आयुक्त को किस वजह से राशि भेजी गई है, इसके दस्तावेजों का परीक्षण कराने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
राजेश साकेत, जिला योजना अधिकारी