बताया जा रहा है गुरुवार की रात को इस डीजल इंजन को लगभग 9.30 बजे वीआइपी संटिग में लोको पायलट ने खड़ा किया है। इसके बाद प्वाइंस मैन ने रेलवे के पहियों में लकड़ी के गुटखे भी लगाए थे। लेकिन अचानक यह इंजन चल पड़ा। इसके लगे गुटखे भी पटरी के पास इधर- उधर गिरे मिले। सुबह लगभग 10 बजे स्टेशन में डिप्टी एसएस को इंजन पटरी से उतरने की सूचना मिली। इसके बाद तत्काल कंट्रोल रूम को सूचना दी गई है। जानकारी होने के बाद सतना से चलकर दुर्घटना राहत वाहन 12.15 में रीवा रेलवे स्टेशन पहुंचा। इसके बाद दो घंटे रेस्क्यू कर दोपहर 1.55 में इंजन को पटरी में वापस खड़ा किया गया। तत्पश्चात घटना की जांच कर 4.15 में दुर्घटना राहत गाड़ी को वापस सतना के लिए रवाना किया गया। इस पूरे मामले में रेलवे ने अब जांच बैठाई है।
लोको पायलट व प्वांइस मैन की बढ़ी मुश्किल–
बताया जा रहा है इस घटना में इंजन के लोको पायलट व प्वाइंस मैन की मुश्किलें बढ़ गई है। प्रांरभिक में उनकी लापरवाही मानी जा रही है। वहीं तकनीकी से जुड़े रेलवे अधिकारियों का कहना है लंबे समय से इंजन बंद खड़ा रहने पर कभी-कभी प्रेशर लीक हो जाने से और ढालन होने से यह घटना हो जाती है।
संटिग एसी कोच के टूटे कॉच-
रेलवे स्टेशन के संटिग में खड़ी टे्रन के एसी कोच के कॉच पत्थर मारकर तोड़ दिए गए हैं। इस मामले में आरपीएफ जांच कर रहा है। बताया जा रहा रीवा रेलवे स्टेशन का संटिग एरिया पूरा खुला है और रात में आरपीएफ के पास इतना स्टॉफ नहीं है कि वह सुरक्षा कर सके। यही कारण है कि रात में खड़े एसी कोच के शीशे तोड़ दिए गए है।