दरअसल, शनिवार को चाकघाट स्थित एमपी-यूपी बॉर्डर पर हजारों प्रवासी मजदूरों को रोक दिया गया था। उसके बाद एमपी से रीवा एसपी आबिद खान, एडिनशल एसपी गोपाल खांडेल और यूपी के अधिकारी मौके पर जायजा लेने पहुंचे थे। उनके जाने बाद ट्रकों से आएं कई हजार मजदूरों को सीमा पर छोड़ दिया गया।
वहीं, मौके पर मौजूद हजारों की संख्या में भूखे श्रमिकों ने भोजन, गृहग्राम तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्थाएं ना होने पर कई घंटों तक इंतजार के बाद सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन करने लगे। मजदूरों को शांत कराने के लिए पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई मजदूर जख्मी हुए।
लाचार दिखी पुलिस वहीं, मजदूरों के गुस्से के आगे मौके पर मौजूद पुलिसवाले भी लाचार दिखे। मजदूर किसी भी तरह से घर पहुंचना चाह रहे थे। यूपी सीमा पर लगे बैरिकेड्स को तोड़कर मजदूर उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर गए। लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर पाई। मजदूरों के लिए वहां उपलब्ध करवाई गई बसें भी कम पड़ीं।