रिवरफ्रंट एवं अन्य कार्यों के लिए 50.32 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस कार्य के बदले शासन 56.36 करोड़ रुपए की सरकारी भूमि ठेकेदार को देने की तैयारी की है। इसमें शहर के बजरंग नगर के पास स्थित जलसंसाधन विभाग के कार्यालय की भूमि के साथ ही जयस्तंभ के पास के तीन सरकारी बंगलों की भूमि दी जाएगी। सरकारी भूमि की कीमत करीब छह करोड़ रुपए अधिक है, इस वजह से जो राशि बचेगी उसे बिडर सरकार के खाते में जमा करेगा।
बीहर नदी में बाबाघाट से लेकर राजघाट तक दोनों पाटों में पक्का निर्माण होना है। इसकी लंबाई 1.6 किलो मीटर की बताई गई है। इसमें पचमठा आश्रम के पास अतिरिक्त निर्माण भी कराया जाना है। यहां पर आने वाले लोगों की संख्या को ध्यान में रखते हुए कार्य कराए जाएंगे। कुछ दिन पहले ही इसमें अतिरिक्त कार्य का प्रस्ताव तैयार कर भोपाल भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति अब तक नहीं आई है।
पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत रिवरफ्रंट के साथ ही अन्य कार्य भी जोड़े गए हैं। जिसमें सिविल लाइन में 76 सरकारी क्वार्टर, कम्यूनिटी हाल, कलेक्टर और एसपी के बंगले की बाउंड्रीवाल, सिविल लाइन के अफसर कॉलोनी में 2.25 किलो मीटर की दूसरी की सड़क और उसके किनारे पेवरब्लाक लगाने का काम किया जाएगा। जलसंसाधन का अभी कार्यालय लग रहा है जहां की भूमि दी जा रही है, इस कारण उसके बदले विभाग का नया कार्यालय भवन बाणसागर कॉलोनी में बनाया जाएगा।
उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने दावा किया है कि इसे देश का तीसरा सुंदर रिवर फ्रंट बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके पहले गुजरात के साबरमती नदी और उत्तर प्रदेश के लखनऊ में गोमती नदी में बेहतर रिवरफ्रंट बने हैं इनके बाद रीवा के बीहर नदी का ही रिवरफ्रंट आकर्षक होगा, जिसे देखने दूरदराज से लोग आएंगे। इसे देश का तीसरा बेहतर रिवरफ्रंट बनाए जाने का दावा किया गया है।
नदी के दोनों किनारों में अवैधानिक रूप से निर्माण किए गए हैं। सैकड़ों की संख्या में पक्के निर्माण किए गए हैं, जिसकी वजह से नए प्रोजेक्ट के निर्माण में समस्या उत्पन्न होगी। प्रशासन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करेगा तो विरोध भी शुरू होगा क्योंकि वर्षों से यहां पर लोग मकान बनाकर रह रहे हैं। यदि बिना अतिक्रमण हटाए निर्माण होगा तो नदी के किनारे की सुंदरता बना पाना मुश्किल भरा काम होगा। इस मामले में अभी प्रशासन कुछ भी बोलने से इंकार कर रहा है।
पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत बीहर नदी का रिवरफ्रंट और अन्य निर्माण कार्य कराए जाने हैं। टेंडर स्वीकृत हो चुका है, कुछ स्थानों पर कार्यों में आंशिक संशोधन भी किया जाना है, अंतिम डीपीआर अभी नहीं मिला है। प्रयास है कि जल्द ही इसका निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जाए।
अनुज प्रताप सिंह, कार्यपालन यंत्री हाउसिंग बोर्ड