रीवा

यहां जंगल में धधक रही आग, हालात पर काबू नहीं पाया तो गांव भी आएंगे लपेटे में

जंगल में भड़क रही आग, बुझाने वाले हड़ताल पर, सेमरिया और गोविंदगढ़ के जंगल में लगी है आग, हड़ताल की वजह से वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बना पा रहा वन विभाग

रीवाMay 29, 2018 / 12:29 pm

Mrigendra Singh

Fire in forest, rewa mp, employee on strike

रीवा। गर्मी इन दिनों चरम पर है, ऐसे में आग भड़कने की संभावनाएं अधिक रहती हैं। सबसे अधिक जंगल इस समय आग की चपेट में हैं। जिले के कई हिस्सों में आग भड़कने की सूचना मिली है। वन विभाग के कर्मचारी इनदिनों हड़ताल पर चल रहे हैं जिसकी वजह से इस आग को बुझाने के कोई प्रयास भी नहीं किए जा रहे हैं। जंगल में इस समय सूखे पत्ते और लकडिय़ों की वजह से तेजी के साथ आग फैल रही है। कई हिस्सों में भारी नुकसान की सूचनाएं मिली हैं।
बीते 24 मई से वन विभाग के सभी कर्मचारी एक साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इनका कहना है कि जब तक 19 सूत्रीय मांगे पूरी नहीं होती तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे। गर्मी की वजह से आग अक्सर जंगलों में लगती है लेकिन मैदानी स्तर पर कर्मचारियों की तैनाती की वजह से वह अधिक बढ़ नहीं पाती और समय रहते काबू पा लिया जाता है। हड़ताल शुरू होने के दिन से तेजी के साथ आग भड़कती जा रही है।
वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं बना पाए अधिकारी
एक ओर वनकर्मियों की हड़ताल के चलते जंगलों को भारी नुकसान हो रहा है। खुलेआम लकडिय़ां काटी जा रही हैं तो आग की वजह से भी नुकसान हो रहा है। सीसीएफ ने सभी डीएफओ को निर्देशित किया है कि स्थानीय समितियों और पुलिस, होमगार्ड के जवानों का सहयोग लेकर वन संपदा को बचाया जाए। जिले में कहीं भी डीएफओ या अन्य अधिकारियों ने अब तक भ्रमण कर जंगलों की स्थिति को नहीं देखा है।
इन स्थानों में भड़क रही है आग
रीवा जिले के अतरैला रेंज के ओबरी, गुरगुदा और गड्डी पहाड़ के जंगल में आग लगी, कोई देखने नहीं पहुंचा। इसी तरह सेमरिया के ककरेड़ी, मैनहा, हनुमना के कोढ़वा, जड़कुड़, पिपराही, बिल्लीघाट, सलैया, चाकघाट के फुलवारी, मऊगंज के बैसहाई सहित अन्य कई स्थानों के जंगलों में आग भड़क रही है। जिस पर नियंत्रण के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है।
आग की वजह से जंगल छोड़ रहे जानवर
जिन क्षेत्रों के जंगलों में आग भड़क रही है वहां पर जानवर भी अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं। अतरैला के पास हिरण का एक बच्चा गांव की ओर आ रहा था तभी स्थानीय युवकों ने दौड़ाकर कुत्तों से हमला करवा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। सिरमौर के नजदीक जंगल से गांव की ओर जा रहे नीलगाय को स्थानीय कुत्तों ने जख्मी कर दिया, जिसकी कुछ घंटों के बाद मौत हो गई। इसी तरह गोविंदगढ़ के जंगल से भागे नीलगाय को सिलपरा के पास मृत पाया गया है। इतना ही नहीं जंगलों के नजदीक रह रहे लोगों के मकानों तक आग के पहुंचने की आशंका है, इसकी भी शिकायत विभाग के अधिकारियों से की गई है पर कोई व्यवस्था नहीं बताई जा रही है।
वन भूमि में बढ़ा अतिक्रमण
वन विभाग के मैदानी अमले के हड़ताल पर जाने के चलते वनभूमि में अवैध रूप से कब्जा भी तेजी के साथ हो रहा है। बताया जा रहा है कि गोविंदगढ़ के नजदीक बांसा, खंधों आदि स्थानों पर झोपड़ी बनाकर कब्जा किया गया है। इसी तरह मऊगंज रेंज के सीतापुर, कहुआवन में भी अतिक्रमण हुआ है। यहां पर बाउंड्रीवाल बना ली गई है।
लकडिय़ों की निकासी भी जारी
जंगल को केवल आग लगने भर से नुकसान नहीं हो रहा है। खुलेआम इमारती लकडिय़ां भी काटी जा रही हैं। स्थानीय लोग इस तस्करी की फोटो भी खींचकर डीएफओ एवं अन्य अधिकारियों को भेज रहे हैं लेकिन विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर हैं और अधिकारियों द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।

सीसीएफ ने सभी डीएफओ को दिया निर्देश
वन वृत्त रीवा के सीसीएफ अतुल खेरा ने बताया कि वन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के चलते वनसंपदा को नुकसान हो रहा है। सभी डीएफओ से कहा है कि वह स्थानीय स्तर पर व्यवस्था बनाएं। आग बुझाने में उस क्षेत्र के लोगों का भी सहयोग लेने के लिए कहा है।

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