scriptDhanu Sankranti: जानिए कब है धनु संक्राति, क्या है इस दिन स्नान दान का महत्व | when Dhanu Sankranti importance puja vidhi | Patrika News
धर्म

Dhanu Sankranti: जानिए कब है धनु संक्राति, क्या है इस दिन स्नान दान का महत्व

सूर्य का राशि परिवर्तन इसी महीने होने वाला है। आइये बताते हैं कि सूर्य नारायण किस राशि में और कब प्रवेश करने वाले हैं।

Dec 13, 2022 / 05:04 pm

shailendra tiwari

dhanu_sankranti-xcf.jpg

सूर्य धनु राशि में 16 दिसंबर को प्रवेश करने वाले हैं।

भोपाल. सूर्य का राशि परिवर्तन संक्रांति कहा जाता है। हिंदू धर्मावलंबियों के लिए इस दिन पूजा पाठ, स्नान-दान का बड़ा महत्व होता है। इसी महीने भगवान सूर्य राशि परिवर्तन करने वाले हैं। वे 16 दिसंबर से धनु राशि में गोचर करेंगे, इसलिए इसे धनु संक्रांति भी कहते हैं। आइये जानते हैं कि धनु संक्रांति का महत्व क्या है।

सूर्य के इस बदलाव को देखते हुए हिंदू समाज में पूजा पाठ आदि कार्य किए जाते हैं, कारण सूर्य को हिंदू धर्म में प्रमुख देवों में शामिल किया जाता है। आज से तीसरे दिन 16 दिसंबर को सूर्य ग्रह धनु राशि में जाने वाले हैं। इस दिन सुबह 10 बजकर 11 मिनट पर सूर्य वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए इस दिन धनु संक्रांति मनाया जाएगा।
सूर्य पंचांग के नौवें महीने की शुरुआतः सूर्य पंचांग के अनुसार इसी दिन से नौवें महीने की शुरुआत भी होती है। वैष्णव संप्रदाय इसे अत्यंत शुभ माह मानता है और इस संप्रदाय के लोग इसे धनु माह भी कहते हैं। धार्मिक ग्रंथों में इस दिन सूर्य नारायण की उपासना की सलाह दी गई है।
ये भी पढ़ेंः नवसंवत्सर 2080: हिंदू नववर्ष के राजा बुध और मंत्री होंगे शुक्र, जानें क्या मिल रहे है नववर्ष को लेकर संकेत


ऐसे समझें संक्रांतिः दरअसल, सूर्य अपनी चाल के आधार पर हर माह अपनी राशि को परिवर्तित करते हुए दूसरी राशि में चला जाता है। ऐसे में वह जिस दिन जिस राशि में जाता है, उसी राशि के आधार पर वह संक्रांति कहलाती है। जैसे जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो वह मकर संक्रांति कहलाती है. इसी तरह सूर्य 16 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश कर रहा है तो यह धनु संक्रांति कहलाएगी। संक्रांति उसे कहा जाता है, जिस समय सूर्य परिवर्तन करता है।
संक्रांति पर नदियों में स्नान का विशेष महत्वः ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस दिन तीर्थ क्षेत्र और पवित्र नदियों में स्नान का विशेष फल मिलता है। धार्मिक ग्रंथों में इस दिन भगवान सूर्य के साथ भोलेनाथ और भगवान विष्णु की उपासना का भी विधान बताया गया है। इस दिन तर्पण भी किया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन तर्पण से पितरों को शांति मिलती है, जिससे वे आशीर्वाद देते हैं. इसके फलस्वरूप वंशज के भी कष्ट कम होते हैं।
ये भी पढ़ेंः Predictions for India 2023: भविष्यवाणी 2023, न्यूक्लियर पावर प्लांट में धमाके से अछूता नहीं रहेगा भारत

किन चीजों का करें दानः वैसे तो हर तरह का दान पुण्यफलदायी है, धनु संक्रांति के दिन जरूरतमंद को यथा संभव दान देना चाहिए। लेकिन पुरोहितों का कहना है कि सूर्य उपासना पर्व के दिन विशेष रूप से गोदान करना चाहिए। घर की परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए इस दिन व्यक्ति गाय की सेवा करने का भी उपाय अपना सकता है। इस दिन गाय को चारा खिलाना पुण्यफलदायी है।
धनु संक्रांति पूजाः पुरोहितों के अनुसार सूर्य संक्रांति पूजा के दिन अनुशासन और ब्रह्मचर्य पालन आवश्यक है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान के बाद उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए और सूर्य नारायण की व्रत- पूजा का संकल्प लेना चाहिए। आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ तीन बार करना चाहिए। इसके बाद दोपहर में पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए। बाद में जरूरतमंदों को दान करें और गाय को चारा खिलाएं। इस दिन भोजन में नमक से परहेज करना चाहिए।

Hindi News/ Astrology and Spirituality / Religion News / Dhanu Sankranti: जानिए कब है धनु संक्राति, क्या है इस दिन स्नान दान का महत्व

ट्रेंडिंग वीडियो