1. सत्यमेव जयतेः यह श्लोक भारत सरकार का ध्येय वाक्य है। इसका अर्थ है सत्य की ही जीत होती है। यह भारत के राज चिह्न का अंश है, जिसे मुंडकोपनिषद से लिया गया है। धार्मिक विद्वानों का कहना है कि सत्य हिंदू धर्म की बुनियादी अवधारणाओं में से है और सत्य के साथ खड़े व्यक्ति के पक्ष में आचरण हो, यही समाज और धर्म की मंशा है, जिसमें मानव कल्याण निहित है। यही भारत सरकार की भी मंशा है। इसीलिए सरकार ने इस श्लोक को अपना ध्येय वाक्य बनाया।
यह ध्येय वाक्य सुप्रीम कोर्ट के लोगो जिसमें अशोक चक्र बना हुआ है उसके नीचे लिखा हुआ है। यह महाभारत के एक श्लोक यतः कृष्णो ततो धर्मो यतो धर्मः ततो जयः का हिस्सा है। यह महाभारत के उस प्रसंग का है जिसमें अर्जुन युधिष्ठिर की अकर्मण्यता को दूर करने की कोशिश करते हैं और कहते हैं विजय धर्म के पक्ष में ही होती है और धर्म वहीं है जहां श्रीकृष्ण हैं।
4. सद्रक्षणाय खलनिग्रहणायः यह श्लोक मुंबई पुलिस का ध्येय वाक्य है, जिसका अर्थ है सच्चे लोगों की रक्षा के लिए और दुष्ट लोगों पर नियंत्रण के लिए. यह श्लोक श्रीमदभागवत से लिया गया है। इस श्लोक में सज्जनों की रक्षा और उन्हें दुष्ट लोगों से बचाना धार्मिक कार्य और कर्तव्य बताया गया है।
5. सर्वजन हिताय सर्वजन सुखायः यह श्लोक आल इंडिया रेडियो का ध्येय वाक्य है, जिसे ऋग्वेद से लिया गया है। सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय का अर्थ है सभी के हित के लिए सबके सुख के लिए . इस ग्रंथ में मानव कल्याण और समाज के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया है।