ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि जन्म लग्न में बृहस्पति, कुंडली के सप्तम भाव में चंद्रमा हो और दशम भाव में अपने वर्ग का शुक्र बैठा हुआ हो तो तो निश्चित ही ऐसी महिलाएं एक उच्च शासन अधिकारी की पत्नी बनती हैं तथा इन्हें स्वयं भी राजनीति में प्रतिष्ठित पद प्राप्त होता है।
इसके अलावा ज्योतिष अनुसार यदि प्रबल बृहस्पति पहले, चौथे, सातवें या दशवें भाव में बैठा हो और बलवान चंद्रमा बृहस्पति को देखे यानी की यदि गुरु और चंद्र प्रबल होकर केंद्र स्थानों में एक दूसरे से सप्तम राशि में बैठे हों तो बड़ा ही उत्तम राजयोग बनता है।
वहीं यदि किसी महिला की कुंडली के लग्न भाव में चंद्रमा बैठा हो, दसवें राज्यभाव में बुध हो और एकादश ग्यारहवें लाभ भाव में सूर्य उपस्थित हो तब भी उत्तम राजयोग का निर्माण होता है।
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