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क्यों कुंवारी कन्याओं के लिए बेहद खास माना जाता है सावन सोमवार व्रत, फल प्राप्ति के लिए करें इन नियमों की पालना

Sawan Somvar 2022: मान्यता है कि यदि कुंवारी कन्याएं सावन में सोमवार के व्रत रखती हैं और विधि-विधान से भोलेनाथ की पूजा करती हैं तो शिवजी के आशीर्वाद से उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। लेकिन व्रत रखने से पूर्व इन नियमों को जान लेना भी जरूरी है।

Jul 17, 2022 / 03:26 pm

Tanya Paliwal

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क्यों कुंवारी कन्याओं के लिए बेहद खास माना जाता है सावन सोमवार व्रत, फल प्राप्ति के लिए करें इन नियमों की पालना

Sawan Somvar Vrat Rules: हिंदू धर्म में सावन मास को बहुत ही पवित्र माना गया है। मान्यता है कि सावन के महीने में जो भक्त सच्चे मन और विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करता है उसे जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। सावन मास की शुरुआत 14 जुलाई 2022 से हो चुकी है और सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन का महीना और सोमवार दोनों पर ही भोलेनाथ की पूजा का विधान होता है। ऐसे में सावन में पड़ने वाले सोमवार व्रत और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं। वहीं माना जाता है कि जो महिलाएं तथा कुंवारी कन्याएं सावन सोमवार के व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करती हैं उन्हें अखंड सौभाग्यवती तथा मनचाहे वर की प्राप्ति का वरदान मिलता है। लेकिन सावन सोमवार व्रत में कुछ बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी माना जाता है, ताकि शुभ फल प्राप्त हो। तो आइए जानते हैं सावन सोमवार व्रत में किन नियमों का पालन करना चाहिए…

इस तरह करें भगवान शिव की पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन में सोमवार व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर अपने घर की साफ-सफाई करें और स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इस दिन नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल और काले तिल डालकर स्नान करने का विधान है।

इसके बाद घर के पूजा स्थल की सफाई करके भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग की पूजा करें। पूजा की शुरुआत में शिवलिंग पर जल तथा पंचामृत से अभिषेक करें। अभिषेक के बाद शिवजी पर धतूरा, बेलपत्र, आक का फूल, कुशा, जनेऊ अर्पित करें। इसके बाद शिवजी को मीठे भगवान का भोग लगाएं। पूजा के बाद ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और व्रत कथा पढ़ें। अंत में धूप, दीप से भोलेनाथ की आरती करें।

व्रत के दौरान इन बातों का ध्यान रखें

पूजा के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को तुलसी दल, हल्दी और केतकी का फूल अर्पित करना निषेध माना गया है। इसके अलावा सावन व्रत में गेंहू, मैदा, आटा, बेसन, सत्तू जैसे अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।

इसके अलावा सावन के महीने में बैंगन, प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, सादा नमक के सेवन को भी वर्जित माना गया है। सावन के व्रत में कुंवारी कन्याएं मौसमी फलों, कुट्टू के आटे, साबूदाना, दूध, दही, पनीर, सेंधा नमक आदि का सेवन कर सकती हैं। मान्यता है कि सोमवार के व्रत में 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप बहुत फलदायी होता है।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

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