प्रतिपदा तिथि भोग
मां शैलपुत्री को प्रतिपदा तिथि पर गाय के घी से बने सफेद चीजों का भोग लगाने से आरोग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
द्वितीय तिथि भोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत और चीनी का भोग लगाने से दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तृतीया तिथि भोग
तृतीया तिथि को मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन माता रानी को दूध से बनी चीजों का भोग लगाने से जीवन के दुखों से मुक्ति मिलती है।
चतुर्थी तिथि भोग
चतुर्थी तिथि को बेहतर बौद्धिक क्षमता आशीर्वाद पाने के लिए मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
पंचमी तिथि भोग
पंचमी तिथि के दिन बेहतर स्वास्थ्य के आशीर्वाद के लिए मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए।
षष्ठी तिथि भोग
षष्ठी तिथि के दिन मां दुर्गा के कात्यायनी रूप को शहद का भोग लगाया जाता है। इससे आकर्षक व्यक्तित्व और सुंदरता का आशीर्वाद प्राप्त होने की मान्यता है।
सप्तमी तिथि भोग
सप्तमी तिथि के दिन मां कालरात्रि गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें। इससे माता रानी खुश होकर जीवन के संकटों को दूर करती हैं।
अष्टमी तिथि भोग
अष्टमी तिथि पर महागौरी मां को नारियल का भोग लगाने से संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नवमी तिथि भोग
नवरात्रि के नौवें दिन सिद्धिदात्री माता को तिल का भोग लगाकर ब्राह्मणों को दान करना चाहिए। इससे मृत्यु के भय से मुक्ति मिलने की मान्यता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)