सावन मंगला गौरी व्रत 2022 तिथि
19 जुलाई 2022- प्रथम मंगला गौरी व्रत
26 जुलाई 2022- द्वितीय मंगला गौरी व्रत
2 अगस्त 2022- तृतीय मंगला गौरी व्रत
9 अगस्त 2022- चतुर्थ मंगला गौरी व्रत
मंगला गौरी व्रत 2022 पूजन विधि
मंगला गौरी व्रत रखने वाले जातकों को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद अपने घर के पूजा स्थल की साफ-सफाई करें और फिर वहां एक चौकी रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
चौकी पर माता पार्वती और प्रथम पूज्य भगवान गणेश की प्रतिमा अथवा तस्वीर स्थापित करें। तत्पश्चात माता पार्वती को कुमकुम, अक्षत, कोई लाल रंग का फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, गंध, सोलह श्रृंगार की चीजें, नारियल, सुपारी, लौंग, इलायची और मिठाई अर्पित करें। पूजन के बाद आरती करें। फिर मंगला गौरी व्रत की कथा श्रवण करें या पढ़ें। इसके बाद भगवान को अर्पित किया हुआ भोग प्रसाद रूप में लोगों में बांट दें।
व्रत करने वाले लोगों को पूरा दिन निराहार रहकर शाम को अपना व्रत खोलना चाहिए। मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत करने वाली सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती और अविवाहित कन्याओं को अच्छे वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)