पौष पूर्णिमा के बाद गंगा स्नान के प्रमुख पर्वः Magh Mela Prayagraj 2023 में वैसे तो हर रोज कल्पवासी गंगा स्नान कर आध्यात्मिक लाभ उठाते हैं पर विशेष पर्वों पर इन स्नान का महत्व बढ़ जाता है। इसलिए इन विशेष पर्वों पर ऐसे लोग भी स्नान करने आते हैं जो कल्पवास नहीं कर रहे हैं। गंगा स्नान के प्रमुख पर्व ये हैं।
मकर संक्रांति 2023(दूसरा): माघ मेला का पहला प्रमुख स्नान पौष पूर्णिमा 2023 का स्नान शुक्रवार को बीत गया। अब दूसरा प्रमुख स्नान पर्व मकर संक्रांति है, जो माघ महीने में 15 जनवरी को है (magh mela snan date 2023) । ऐसे लोग जो पौष पूर्णिमा स्नान से चूक गए हैं, उनके लिए इस दिन स्नान कर पुण्य अर्जित करने का मौका है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान और भगवान सूर्य की पूजा से घर में खुशहाली आती है।
मौनी अमावस्या 21 जनवरी 2023 (तीसरा): मान्यता है कि माघ महीने की अमावस्या और पूर्णिमा पर गंगा स्नान से पितृ दोष की मुक्ति होती है। मौनी अमावस्या पर किया गया दान, गंगा स्नान कष्ट दूर करने वाला होता है। मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहते हैं। ये तिथि (mauni amavasya 2023) 21 जनवरी को पड़ रही है। यह सुबह 6.17 से शुरू होगी और अगले दिन 22 जनवरी सुबह 2.22 पर संपन्न होगी।
वसंत पंचमी 26 जनवरी 2023(चौथा स्नान): माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी पड़ती है। यह 26 जनवरी को है। मान्यता है कि इस दिन (vasant panchami 2023) गंगा स्नान से मोक्ष मिलता है। वसंत पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12.34 बजे से शुरू होकर 26 जनवरी सुबह 10.28 बजे संपन्न होगी। उदयातिथि में वसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन चौथा विशेष स्नान पर्व होगा।
माघ पूर्णिमा 5 फरवरी 2023 ( पांचवा स्नान): प्रयागराज माघ मेले में पांचवा विशेष स्नान पर्व माघ पूर्णिमा है। ये तिथि पांच फरवरी को पड़ रही है। यह तिथि 4 फरवरी को रात 9. 29 बजे से शुरू होकर पांच फरवरी को रात 11.58 बजे संपन्न होगी। मान्यता है कि इस दिन स्नान से सूर्य और चंद्र दोष से छुटकारा मिलता है।
महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023(छठा स्नान): मान्यता है कि महाशिवरात्रि (maha shivratri 2023) पर गंगा स्नान से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। महाशिवरात्रि 18 फरवरी को पड़ रही है। यह तिथि रात 8.02 बजे शुरू होगी और 19 फरवरी को शाम 4.18 बजे संपन्न होगी।