scriptShradh Paksha 2021: पितृ कार्य करते समय इन बातों की रखें विशेष सावधानी साथ ही जानें 2021 में श्राद्ध ति थियां | Keep these things in mind during Shradh nd see shradh calender of 2021 | Patrika News
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Shradh Paksha 2021: पितृ कार्य करते समय इन बातों की रखें विशेष सावधानी साथ ही जानें 2021 में श्राद्ध ति थियां

घर से बाहर किसी धार्मिक स्थान पर श्राद्ध कर्म

Sep 19, 2021 / 07:36 pm

दीपेश तिवारी

pitra paksha

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हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रप्रद पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत हो जाती है। ऐसे में इस बार सोमवार,20 सितंबर 2021 से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है, जिसका समापन 6 अक्टूबर अमावस्या श्राद्ध के साथ होगा। वहीं इस बार रविवार,26 सितंबर 2021 को कोई श्राद्ध तिथि नहीं पड़ रही है।

मान्यता के अनुसार श्राद्ध पक्ष के दौरान पितर अपने लोक से नीचे धरती पर आकर अपने वंशजों को देखते हैं। माना जाता है कि इस दौरान विधि पूर्वक पितरों का श्राद्ध करना चाहिए।

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माना जाता है कि यदि ऐसे में उन्हें तृप्त न किया जाए, तो उनकी आत्मा अतृप्त ही लौट जाती है। और नाराज पितर अपने वंशजों को श्राप तक दे जाते हैं। जिसके कारण जीवन में कई तरह की समस्याएं आनी शुरु हो जाती हैं।

वहीं विधि पूर्वक श्राद्ध करने से पितर खुशी-खुशी वापस अपने लोक को प्रस्थान करते हैं, साथ ही जाते जाते वंशजों को कई आर्शीवाद भी प्रदान करते जाते हैं, माना जाता है कि उनके द्वारा ऐसा करने से घर की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।

जानकारों व पंडितों के अनुसार दरअसल श्राद्ध में पितरों को याद करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है।

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 Pitru Paksha Shraddha

हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व माना गया है। माना जाता है कि पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांत के लिए तर्पण किया जाता है। इसे ही श्राद्ध भी कहा जाता है।

वहीं जानकारों के अनुसार अधिकांश लोग इस श्राद्ध पक्ष में घर से बाहर किसी धार्मिक स्थान पर पितृ कार्य करते हैं, ऐसे में इन लोगों को कुछ सावधानियां रखनी आवश्यक मानी गई है। वहीं जागरुकता की कमी के चलते जो लोग घर से बाहर श्राद्ध कर्म करते समय इस सावधानियों का ध्यान नहीं रखते हैं, माना जाता है कि उन्हें कई बार बड़ी दिक्कतों का तक सामना करना पड़ता है।

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Pitru Paksha Shradh

घर से बाहर श्राद्ध कर्म के दौरान ये रखें सावधानियां

1. ये कार्य ऐसी जगह पर न करें जहां विवाह, उपनयन जैसे कार्य होते हैं, जैसे नदियों के घाट में कुछ घाट केवल पितृ संबंधी कार्यों के लिए नियत होते हैं। उन्हीं पर ये कार्य करें।

2. जिस जगह श्राद्ध कर्म किया हो उस जगह से अपने साथ कोई भी सामान न लेकर आएं, और तो और यदि आपने हरिद्वार में ये कार्य किया है तो भी वहां गंगा के तट से भी इस समय गंगा जल तक न लाएं।

3. जिन वस्त्रों को पहनकर आपने ये श्राद्ध कार्य किया है उनका त्याग उसी स्थान पर कर दें, जहां आपने ये पितृ कार्य किया है।

4. श्राद्ध का पूरा कार्य करने के पश्चात जिस स्थान पर आपने यह पितृ कार्य किया है उस स्थान का शीघ्रताशीघ्र त्याग कर अपने घर वापस आ जाएं।

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पितृपक्ष 2021 के दौरान श्राद्ध की तिथियां
पूर्णिमा श्राद्ध– सोमवार,20 सितंबर
प्रतिपदा श्राद्ध– मंगलवार, 21 सितंबर
द्वितीया श्राद्ध– बुधवार, 22 सितंबर
तृतीया श्राद्ध– बृहस्पतिवार, 23 सितंबर
चतुर्थी श्राद्ध– शुक्रवार,24 सितंबर
पंचमी श्राद्ध– शनिवार, 25 सितंबर
नोट: 26 सितंबर 2021 को श्राद्ध तिथि नहीं है।
षष्ठी श्राद्ध– सोमवार, 27 सितंबर
सप्तमी श्राद्ध– मंगलवार, 28 सितंबर
अष्टमी श्राद्ध– बुधवार, 29 सितंबर
नवमी श्राद्ध– बृहस्पतिवार,30 सितंबर
दशमी श्राद्ध– शुक्रवार,01 अक्टूबर
एकादशी श्राद्ध– शनिवार,02 अक्टूबर
द्वादशी श्राद्ध– रविवार, 03 अक्टूबर
त्रयोदशी श्राद्ध– सोमवार,04 अक्टूबर
चतुर्दशी श्राद्ध– मंगलवार,05 अक्टूबर
अमावस्या श्राद्ध– बुधवार, 06 अक्टूबर

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