क्यों चढ़ाई जाती है भगवान गणेश को दूर्वा
एक पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में एक अनलासुर नाम का असुर था। उसने अपनी दुष्टता से सब जगह पर हाहाकार मचा रखा था। अनलासुर मानव, ऋषि-मुनि और दैत्यों सभी को जिंदा ही निगल जाता था। इस कारण सारे देवतागण बेहद परेशान हो गए थे क्योंकि उस असुर के आतंक के सामने किसी की शक्ति काम नहीं आ रही थी। इसके बाद सभी देवतागण राक्षस अनलासुर के वध की प्रार्थना लेकर भगवान गणेश के पाद पहुंचे।
फिर भगवान गणेश ने भी दैत्य अनलासुर का अंत करने के लिए उसे जिंदा ही निगल लिया। जब भगवान गणेश ने अनलासुर को निगल लिया तो उसके बाद उनके पेट में बहुत जलन होने लगी। इस जलन से मुक्ति पाने के लिए गणपति जी को ऋषि कश्यप ने 21 दूर्वा इकट्ठा करके समूह बनाकर खाने के लिए दीं। दूर्वा खाने के तुरंत बाद भगवान गणेश के पेट की जलन शांत हो गई। तभी से माना जाता है कि लंबोदर को दूर्वा अत्यंत प्रिय हो गई और इसी कारण उनकी पूजा के दौरान 21 दूर्वा चढ़ाई जाती है।
यह भी पढ़ें: Swapna Shastra: सपने में भगवान गणेश के दर्शन होना माना जाता है बेहद शुभ, लेकिन रखें इस सपने को गुप्त