scriptनवरात्रि में क्यों किया जाता है दुर्गा सप्तशती का पाठ, जानिए इसके नियम और लाभ | Durga Saptashati Importance In Navratri, Know Its Rules And Benefits | Patrika News
धर्म

नवरात्रि में क्यों किया जाता है दुर्गा सप्तशती का पाठ, जानिए इसके नियम और लाभ

श्रीदुर्गा सप्तशती पाठ से पहले और बाद में ‘ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे’ मंत्र का पाठ करना जरूरी होता है। क्योंकि इस एक मंत्र में ही…

Apr 03, 2022 / 08:41 am

Tanya Paliwal

happy chaitra navratri 2022, durga saptashati importance, चैत्र नवरात्रि, दुर्गा सप्तशती पढ़ने के नियम, नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती पढ़ने के फायदे, धन लाभ, सौभाग्य, सुख-समृद्धि, मां दुर्गा को खुश करने के उपाय,

नवरात्रि में क्यों किया जाता है दुर्गा सप्तशती का पाठ, जानिए इसके नियम और लाभ

हिंदू नववर्ष यानी चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ हो चुका है। साल भर में पड़ने वाली दोनों नवरात्रि चैत्र और शारदीय नवरात्रि में पूजा की विधि, नियमों, मंत्र, पाठ आदि का विशेष स्थान होता है। साथ ही नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती पाठ का भी खास महत्व बताया गया है। आपको बता दें कि इस पाठ में 700 श्लोकों के कारण ही इसका नाम दुर्गा सप्तशती पड़ा। कहते हैं कि जो व्यक्ति 9 दिन पूरी श्रद्धा और नियम से दुर्गा सप्तशती का पाठ कर लेता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। तो आइए जानते हैं इस पाठ को पढ़ने के लाभ और नियमों के बारे में…

क्यों किया जाता है दुर्गा सप्तशती पाठ

वेदों में मां दुर्गा को ही शक्ति का रूप कहा गया है जो इस सम्पूर्ण इस संसार की अधिष्ठात्री हैं। इसलिए जगतजननी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि में भक्तों को अम्बे मां के नौ रूपों की आराधना के साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहए।

 

दुर्गा सप्तशती पाठ करते समय ध्यान रखें ये नियम

1. किसी भी कार्य के प्रारंभ में भगवान गणेश को याद किया जाता है। इसलिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले भी गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा यदि जिस घर में घट स्थापना हुई हो तो वहां कलश पूजन, नवग्रह पूजन और ज्योति पूजन के बाद ही सप्तशती का पाठ शुरू करना चाहिए।

2. ध्यान रखें कि श्रीदुर्गा सप्तशती पाठ से पहले और बाद में ‘ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे’ मंत्र का पाठ करना जरूरी होता है। क्योंकि इस एक मंत्र में ही ऊंकार, मां सरस्वती, लक्ष्मी माता और काली मां के बीजमंत्र निहित हैं।

3. श्रीदुर्गा सप्तशती पाठ को पढ़ते समय इसमें कवच, अर्गला, कीलक स्रोत और तीन रहस्यों को भी पढ़ना चाहिए। सतह ही पाठ के अंत में मां दुर्गा से क्षमा प्रार्थना करना ना भूलें, ताकि अनजाने में आपके द्वारा हुई गलती के लिए आपको माफी मिल सके।

4. जो व्यक्ति श्रीदुर्गा सप्तशती के पाठ को पढ़ता है उसे इसके किसी भी अध्याय को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। साथ ही दुर्गा सप्तशती के प्रथम, मध्यम और उत्तर चरित्र का क्रम से पाठ करने पर मां अंबे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

 

दुर्गासप्तशती पाठ करने के लाभ- दुर्गासप्तशती पाठ में 13 अध्याय हैं और हर अध्याय को पढ़ने से अलग अलग फल प्राप्त होता है…

पहला अध्याय- दुर्गा सप्तशती पाठ के पहले अध्याय को पढ़ने से सभी चिंताओं से मुक्ति मिलती है।

दूसरा अध्याय- इस अध्याय के पाठन का फल है कि कोर्ट-कचहरी या अदालत से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं।

तीसरा अध्याय- इसे पढ़ने से दुश्मनों का नाश होता है।

चौथा अध्याय- इस अध्याय को पढ़ने वाले को मां दुर्गा के दर्शन का सौभाग्य मिलता है।

पांचवा अध्याय- यह अध्याय भक्ति, शक्ति और देवी के दर्शन का लाभ देता है।

 

छठा अध्याय- दुर्गा सप्तशती पाठ के इस अध्याय को पढ़ने से व्यक्ति के दुख, डर और दरिद्रता सभी दूर हो जाते हैं।

सातवां अध्याय- यह सभी मनोकामनाओं को पूरी करने का फल देता है।

आठवां अध्याय- दुर्गा सप्तशती पाठ का आठवां अध्याय किसी से मित्रता करने या किसी को अपने वश में करने के लिए पढ़ा जाता है।

नौवां अध्याय- संतान सुख और खोई हुई चीज को पाने के लिए सच्चे मन से इस अध्याय को पढ़ना बहुत फलदायी माना जाता है।

 

दसवां अध्याय- इस अध्याय को पढ़ने से भी नौवें अध्याय के बराबर ही फल मिलता है।

ग्यारहवां अध्याय- जो व्यक्ति भौतिक सुख-सुविधाओं की इच्छा रखता है उसके लिए ये अध्याय काफी महत्वपूर्ण होता है।

बारहवां अध्याय- दुर्गा सप्तशती के बारहवें अध्याय को पढ़ने से आपको मान सम्मान की प्राप्ति होती है।

तेरहवां अध्याय- दुर्गा सप्तशती का ये अंतिम अध्याय भक्ति और मोक्ष का फल देता है।

यह भी पढ़ें

नवरात्रि के दूसरे दिन होती हैं मां ब्रह्मचारिणी की उपासना, जानिए पूजा से जुड़ी हर खास जानकारी

Hindi News / Astrology and Spirituality / Religion News / नवरात्रि में क्यों किया जाता है दुर्गा सप्तशती का पाठ, जानिए इसके नियम और लाभ

ट्रेंडिंग वीडियो