आपस की बातों को गुप्त रखें
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में इस बात का जिक्र किया है कि हर पति-पत्नी की कुछ आपसी निजी बातें होती हैं जिन्हें उन दोनों को किसी तीसरे से साझा नहीं करना चाहिए। यानी पति-पत्नी के बीच होने वाली उन बातों को खुद तक ही सीमित रखने से दांपत्य जीवन में हमेशा शांति बनी रहती है। कई बार गुप्त बातें किसी तीसरे के कान तक पहुँचने से दंपति के आपसी रिश्ते में दरार पड़ सकती है।
अहम को कभी बीच में न आने दें
चाणक्य नीति के अनुसार जिस प्रकार गाड़ी के एक भी पहिये में खराबी आने से गाड़ी नहीं चल पाती। उसी तरह पति-पत्नी भी एक गाड़ी के दो पहिये होते हैं। यदि दोनों एक साथ मिलकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं तो वैवाहिक जीवन की गाड़ी अच्छी तरह चलती रहती है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी काम को दोनों को एक-दूसरे का सहयोगी बनकर करना चाहिए न कि प्रतियोगी बनकर। जहां आपके रिश्ते में अहम की भावना आती है वहीं रिश्ते में खटास पैदा होना शुरू हो जाती है। इसलिए कभी भी पति-पत्नी को बात को लेकर एक-दूसरे को अहंकार नहीं दिखाना चाहिए।
एक-दूसरे का सम्मान जरूरी है
वैवाहिक जीवन में खुशियां तब तक बनी रहती हैं जब तक पति और पत्नी को एक-दूसरे को प्रेम के साथ-साथ सम्मान भी देते हैं। चाणक्य नीति के अनुसार पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम के साथ ही एक-दूसरे के लिए इज्जत होना बहुत जरूरी है। एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र करें। आवश्यताओं को समझें। तभी वैवाहिक रिश्ते में मजबूती आती है।
धैर्य बनाये रखें
आचार्य चाणक्य ने धैर्य को भी सुखी वैवाहिक जीवन के एक आवश्यक तत्व माना है। अर्थात एक सफल शादीशुदा जीवन के लिए पति और पत्नी दोनों को ही धैर्य बनाकर रखना चाहिए। आपके जीवन में आने वाली हर समस्या को एक साथ मिलकर धैर्य धारण करते हुए हल करने की कोशिश करनी चाहिए।
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