ऐसे में जब माता सीता ने उन्हें बताया कि वे प्रभु श्रीराम की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना को लेकर मांग में सिंदूर लगा रहीं हैं तो उन्होंने सोचा कि माता सीता के इतना ही सिंदूर लगाने से श्रीराम को इतना लाभ है तो मैं पूरे शरीर में सिंदूर लगा लूं तो भगवान को और भी लाभ होगा। इस तरह स्वामी की भक्ति के वश होकर पूरे शरीर में ही सिंदूर लगाने का फैसला कर लिया। इसी कारण एक ही देवता को अलग-अलग अवतार में अलग चीज प्रिय और अप्रिय हैं। तभी से उन्हें सिंदूर चढ़ाने की प्रथा शुरू हो गई है।
भगवान शिव को नहीं चढ़ाते नारियल जलः भगवान शिव का नारियल से अभिषेक न करने की भी एक वजह बताई जाती है। दरअसल, नारियल को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। ऐसे में इससे शिव का अभिषेक नहीं किया जाता।