वहीं पंडित एके शुक्ला के अनुसार यूं तो श्री कृष्ण की पूजा काफी आसान है, लेकिन हमारी कुछ गलतियों के चलते पूर्ण कोशिशों के बावजूद हमें इसका पूरा फल नहीं मिल पाता।
इस संबंध में पंडित शुक्ला का कहना है कि इसका एक कारण यह भी है कि कई बार हमारे द्वारा की जानी वाली Janmashtami पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री में कुछ वस्तुएं यानि सामग्री का हमें ध्यान नहीं रहता।
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ऐसे में सब कुछ भली प्रकार से होने के बावजूद Krishna jayanti हमें वो नहीं मिल पाता जिसकी हमें आकांक्षा होती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए हमें श्रीकृष्ण जन्माष्टमी Janmashtami पर पूजन में उपयोग आने वाली समस्त सामग्री की gokulashtami पूर्व में ही तैयारी कर लेनी चाहिए।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी Krishna Ashtami के दौरान पूजन में उपयोग में आने वाली सामग्री को लेकर पं. शुक्ला का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व Janmashtami पर श्री कृष्ण के पूजन के लिए कई सामग्रियों की आवश्यकता होती है,ऐसे में कई बार हम कुछ चीजें भूल भी जाते है।
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इन्हीं सब को देखते हुए हमें gokulashtami पूजन सामग्री को लेकर पहले ही तैयारी कर लेनी चाहिए, ताकि किसी भी चीज की इस अवसर Krishna Ashtami कमी भक्त को पूर्ण फल से वंचित न कर सके, ऐसे में श्री कृष्ण gokulashtami की पूजन सामग्री भक्तों को याद रहे, इसके लिए Krishna jayanti सामग्री की सूची इस प्रकार है।
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श्री कृष्ण के पूजन के लिए संपूर्ण सामग्री की सूची-
धूप बत्ती (अगरबत्ती), कपूर, केसर, चंदन, 5 यज्ञोपवीत , कुंकुम, चावल, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे, तुलसीमाला, पंच मेवा, गंगाजल, शहद (मधु), शकर, घृत (शुद्ध घी), दही, दूध, ऋतुफल, नैवेद्य या मिष्ठान्न, (पेड़ा, मक्खन, मिश्री, मालपुए, लड्डू इत्यादि),इलायची (छोटी), धनिया खड़ा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, कुशा व दूर्वा, लौंग मौली, इत्र की शीशी, सिंहासन, बाजोट या झूला (चौकी, आसन), पंच पल्लव, (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते), पंचामृत, तुलसी दल, केले के पत्ते (यदि उपलब्ध हों तो खंभे सहित), औषधि (जटामांसी आदि), श्रीकृष्ण का मूर्ति (अथवा पाना) , श्री गणेश की मूर्ति, मां अम्बिका की मूर्ति, श्रीकृष्ण को अर्पित करने हेतु वस्त्र, गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र, अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र, जल कलश (चांदी, तांबे या मिट्टी का), सफेद कपड़ा (आधा मीटर), लाल कपड़ा (आधा मीटर), पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार), दीपक, बड़े दीपक के लिए तेल, बन्दनवार, ताम्बूल ( पान का लौंग लगा बीड़ा), नारियल (श्रीफल), चावल व गेहूं (धान्य), पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल), एक नई थैली में हल्दी की गांठ, खड़ा धनिया व दूर्वा आदि, अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र, झांकी सजाने के लिए हाथी, गाय, मोर, बांसुरी, मोर पंख, छोटी मटकियां, रंगोली आदि।
इस बार यानि 2021 में श्रीकृष्ण Janmashtami में पूजन का समय 30 अगस्त को रात 11.59 मिनट से देर रात 12.44 मिनट तक रहेगा यानि कुल अवधि 45 मिनट होगी। वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार 29 अगस्त, रविवार को Janmashtami 11.25 PM बजे से भाद्रपद कृष्ण अष्टमी Krishna Ashtami तिथि शुरू होगी जो 30 अगस्त को देर रात 1.59 मिनट तक रहेगी।