परशुराम जयंती पर शुभ मुहूर्त:
3 मई को सुबह 5 बजकर 20 मिनट से तृतीया तिथि प्रारंभ होकर यह अगले दिन 4 मई को बुधवार के दिन सुबह 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगी।
परशुराम जयंती के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी काम निपटा लें और स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें। इसके बाद अपने घर के पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करके गंगाजल से शुद्ध कर लें। अब घर के मंदिर में एक चौकी रखकर उस पर सब कपड़ा बिछाएं तथा इसके ऊपर भगवान परशुराम की तस्वीर या मूर्ति रखें। तत्पश्चात तस्वीर या मूर्ति पर रोली, अक्षत, फूल अर्पित करके फलों का भोग लगाएं। और फिर धूप-दीप जलाकर भगवान परशुराम की आरती करें।
इन मंत्रों का करें जाप: जो व्यक्ति भगवान परशुराम की सच्चे मन से सेवा और प्रार्थना करता है उसे धर्म, ज्ञान, संतान प्राप्ति, विवाह, वाक् सिद्धि आदि का फल मिलता है। साथ ही पूजा के दौरान इन मंत्रों के उच्चारण से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है…
ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।।
ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्।।
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