ग्रंथों में देवी कमला को लाल पोशाक धारण किए और भव्य स्वर्णाभूषणों से सुसज्जित दिखाया गया है। देवी कमला स्वर्ण वर्ण की हैं। धर्मग्रंथों में देवी के चतुर्भुज स्वरूप को दर्शाया गया है। इनकी दो भुजाओं में देवी कमल पुष्प धारण करती हैं और शेष दो भुजाओं में से एक वरद, एक अन्य भुजा अभय मुद्रा में रहती है। उनके समक्ष चार गजराज (हाथी) हैं, जिन्हें समुद्र के बीच कमल पुष्प पर विराजमान देवी का अभिषेक करते हुये दर्शाया गया है।
1. ॐ ह्रीं अष्ट महालक्ष्म्यै नमः॥
1. एकाक्षर कमला मंत्र
श्रीं॥
2. त्रयाक्षर साम्राज्य लक्ष्मी मंत्र
श्रीं क्लीं श्रीं॥
3. चतुराक्षर कमला मंत्र
ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं॥
4. पंचाक्षर कमला मंत्र
श्रीं क्लीं श्रीं नमः॥
5. नवाक्षर सिद्धि लक्ष्मी मंत्र
ॐ ह्रीं हूं हां ग्रें क्षों क्रों नमः॥
6. दशाक्षर कमला मंत्र
नमः कमलवासिन्यै स्वाहा॥