1. अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर 71 एकड़ में बनवाया जा रहा है। इसमें से 8 एकड़ में सिर्फ मंदिर होगा। मंदिर का मुख्य भवन 57400 वर्गफिट (360×235 फिट) में होगा। इस मंदिर के निर्माण में 1800 करोड़ खर्च किए जाने का अनुमान है । इसके लिए श्रद्धालुओं ने 9000 करोड़ रुपये दान किया है। श्रद्धालुओं की ओर से देश भर से भेजी गईं राम नाम की ईंटों का ग्राउंड में किया जाएगा इस्तेमाल।
2. ग्राउंड फ्लोर पर अष्टकोणीय गर्भगृह समेत पांच मंदिर गुड़ी मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप, कीर्तन मंडप आदि होंगे। इसी गर्भगृह में पीछे की ओर रामलला का आसन होगा। अष्टकोणीय गर्भगृह में कर्नाटक के ग्रेनाइट पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा। मंदिर में प्रवेश के लिए सिंह द्वार होगा। यह मंदिर नागर शैली में बनवाया जा रहा है। जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के दिन मंदिर के गर्भगृह में श्रीराम लला को विराजमान कराने की योजना है। गर्भगृह में भगवान का आसन सोने का होगा, मंदिर का शिखर भी सोने का बनाया जा सकता है।
3. न्यास के सदस्यों के अनुसार मंदिर के गर्भगृह में अभी बाल स्वरूप की प्रतिमा बहुत छोटी है, इससे एक बड़ी मूर्ति बनवाई जाएगी, जिसकी ऊंचाई 2.5 से तीन फिट होगी। इसकी प्राण प्रतिष्ठा होगी, ताकि भगवान के दर्शन 19 फिट की दूरी से किया जा सके। गर्भगृह में 17 हजार ग्रेनाइट पत्थर लगेंगे। गर्भगृह का दरवाजा महाराष्ट्र से लाई गई सागौन की लकड़ी से बनेगा।
4. मंदिर के दूसरे फ्लोर के निर्माण का काम 2024 में शुरू होने की उम्मीद है। इस फ्लोर पर राम दरबार बनेगा, जहां भगवान राम तीनों अनुज, मां जानकी और हनुमानजी की प्रतिमाएं होंगी। तीसरा फ्लोर भी बनेगा, लेकिन यहां श्रद्धालुओं की एंट्री नहीं होगी। मंदिर का शिखर 161 फिट ऊंचा होगा।
5. . राम मंदिर ? की नींव 15 मीटर गहरी होगी। फाउंडेशन स्टोन से बना है, हर पत्थर 2 टन का है। मंदिर के तीनों फ्लोर में 366 स्तंभ होंगे। हर स्तंभ की ऊंचाई 19 फिट 11 इंच होगी। हर स्तंभ पर धर्म ग्रंथों के अनुरूप चित्र उकेरे जाएंगे।
6. मंदिर का निर्माण ऐसा कराया जा रहा है कि रामनवमी के दिन सूर्यदेव उनका तिलक करेंगे यानी सूर्य की किरणें सीधे भगवान तक यानी गर्भगृह तक पहुंचे। इसके लिए जब सूर्य सीधे दक्षिण में होंगे, तब मिरर और लेंस से सूर्य किरण को रिफ्लेक्ट कराकर भगवान के ललाट पर ले जाने की योजना है। इसके लिए आईआईटी रूड़की के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं।
7. गर्भगृह के चारों ओर 14 फिट चौड़ा कॉरिडोर भी होगा, मंदिर से 25 से 27 मीटर की दूरी पर परकोटे का भी निर्माण होगा। इसकी ऊंचाई करीब 16 मीटर होगी। परकोटे पर दक्षिण पूर्व दिशा में विष्णु पंचायतन, उत्तर पूर्व में दुर्गाजी का मंदिर, ईशान कोण पर गणेशजी का मंदिर, अग्निकोण पर शंकरजी का मंदिर, उत्तर दिशा में अन्नपूर्णा माता, गर्भगृह के दक्षिण की ओर हनुमानजी का मंदिर होगा।
8. मंदिर परिसर के 3500 वर्ग मीटर क्षेत्र में चबूतरा होगा, 6.5 मीटर ऊंचे चबूतरे पर ही मंडपों का निर्माण हो रहा है। इन सब कार्यों के लिए 4.75 लाख क्यूबिक फिट पत्थर का इस्तेमाल हो रहा है। मंदिर का प्रवेश द्वार पूर्व और निकास द्वार दक्षिण में होगा।
9. मंदिर निर्माण के लिए जन्मभूमि पर 350 मजदूर और 1 हजार मजदूर-कारीगर राजस्थान के भरतपुर जिले में वंशी पहाड़पुर में मंदिर के लिए पिंक स्टोन निकाल रहे हैं। इसके अलावा मंदिर निर्माण के लिए मीरजापुर जिले से पत्थर लाए जा रहे हैं, जबकि भगवान की मूर्ति के लिए नेपाल में गंडक नदी से शालिग्राम की चट्टान लाई गई है।
10. मंदिर का निर्माण ऐसे कराया जा रहा है कि यह 1000 साल तक सुरक्षित रहेगा। हालांकि मंदिर में लोहे और स्टील का इस्तेमाल नहीं होगा और 6.5 रिक्टर स्केल पर भूकंप से इसे क्षति नहीं पहुंचेगी।
11. मंदिर परिसर में यात्री सुविधा केंद्र भी बनाया जा रहा है। यहां 25 हजार श्रद्धालुओं के सामान रखने की व्यवस्था होगी।
12. मंदिर का आर्किटेक्ट मशहूर वास्तुविद गुजरात के चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया है।
13. मंदिर परिसर में एक प्रार्थना कक्ष, रामकथा कुंज, एक वैदिक पाठशाला, एक संत निवास, आगंतुकों के लिए छात्रावास, संग्रहालय, कैफेटिरया और अन्य सुविधाएं होंगीं।
वर्तमान मंदिर के अतीत से जुड़े तथ्य
इस मंदिर में पांचवीं बार गर्भगृह का निर्माण हो रहा है। इससे पहले 9 नवंबर 1989 विहिप नेताओं और साधुओं के एक समूह ने विवादित भूमि पर पूर्व में विवादित रही भूमि पर 7 क्यूबिक फिट गड्ढा खोदकर आधारशिला रख दी थी। यहां सिंहद्वार स्थापित किया था। बिहार के दलित नेता कामेश्वर चौपाल यहां पत्थर रखने वाले पहले लोगों में से थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट के हिंदू पक्ष में फैसले के बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का गठन किया गया और यह न्यास ही मंदिर का निर्माण कार्य करा रहा है। राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधारशिला रखी थी। अब जनवरी 2023 में इस मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी की जा रही है।