इस तारीख से लग रहा मलमासः प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के मुताबिक वर्ष 2023 में अधिकमास 18 जुलाई से शुरू होगा, और 16 अगस्त तक चलेगा। वैसे तो सावन भगवान शिव की पूजा का महीना है और माना जाता है यह भोलेनाथ को अधिक प्रिय है। इस महीने में पूजा अर्चना से भगवान शिव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं, लेकिन मलमास भगवान विष्णु की पूजा के लिए जाना जाता है।
इस अंतर को संतुलित करने के लिए चंद्र वर्ष में एक नया महीना अस्तित्व में आता है, अतिरिक्त होने के कारण ही इसे अधिकमास कहते हैं। यानी यह चंद्र वर्ष का ही एक अतिरिक्त भाग है जो हर 32 माह 16 दिन 8 घटी के अंतर पर आता है। इस तरह भारतीय गणना पद्धति के अनुसार सूर्य और चंद्र वर्ष में अंतर को संतुलित करने के लिए चंद्रवर्ष के एक भाग के रूप में इसको जाना जाता है।
मलमास क्यों कहते हैं: मान्यता है कि अतिरिक्त होने के कारण यह मलिन है, इसे मलिन माना जाने के कारण ही इस महीने का नाम मलमास पड़ गया। इस महीने में पवित्र कर्म वर्जित माने गए हैं, नामकरण, यज्ञोपवीत, शादी विवाह, गृह प्रवेश, बहुमूल्य वस्तुओं की खरीद इस माह में आमतौर पर नहीं की जाती।
पुरुषोत्तमास का महत्वः हिंदू धर्म के अनुसार अधिकमास में किए गए प्रयासों से व्यक्ति निर्मल होकर ऩई ऊर्जा से भर उठता है। इसके अलावा इस महीने में किए गए धार्मिक कार्य कुंडली दोष का भी निराकरण करते हैं।