नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इस सम्बंध में जारी अधिसूचना के अनुसार नगर निगमों, नगर परिषदों, नगरपालिकाओं, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं संरचना विकास निगम के सैक्टरों के दायरे के 500 वर्ग गज तथा इससे अधिक आकार के आवासीय भवनों पर न्यूनतम कम एक किलोवाट, 30 किलोवाट या अधिक लोड वाले निजी शैक्षणिक संस्थाओं, विद्यालयों, कॉलेज,छात्रावास, तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों के लिए न्यूनतम पांच किलोवाट तथा इतने ही लोड वाले सरकारी भवनों, कार्यालयों, सरकारी कॉलेज, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों, सरकारी शैक्षणिक संस्थानों और कॉलेज के लिए न्यूनतम दो किलोवाट, पचास से 1000 किलोवाट लोड वाले निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, मॉल, होटल, मोटल, समारोह हॉल तथा पर्यटन परिसरों के लिये न्यूनतम 10 किलोवाट तथा 1000 किलोवाट से अधिक लोड की खपत वाले संस्थानों को न्यूनतम 50 किलोवाट क्षमता का सौर फोटोवोल्टिक संयंत्र स्थापित करना अनिवार्य होगा।
इनके अलावा ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, बिल्डरों तथा आवास बोर्ड के आधे से एक एकड़ तक के भूखंड पर बने नये मकानों में न्यूनतम 10 किलोवाट, एक से दो एकड़ तक के सभी नए आवासीय परिसरों में न्यूनतम 20 किलोवाट, दो से पांच एकड तक के नये आवासीय परिसरों में न्यूनतम 30 किलोवाट, पांच एकड़ से अधिक के सभी नए आवासीय परिसरों में न्यूनतम 40 किलोवाट तथा सिचाई विभाग के 100 किलोवाट या अधिक लोड वाले सभी वाटर लिफ्टिंग स्टेशनों के लिए कम से कम 50 किलोवाट क्षमता का सौर फोटोवोल्टिक संयंत्र स्थापित करना अनिवार्य होगा।
छह लेन सडक़ बनाने के लिए पिछले दिनों गोपालपुरा बायपास पर हुई तोडफ़ोड़ के बाद बची जगह पर हुए करीब 90 निर्माण पर भी संशय खड़ा हो गया है। बिना अनुमति निर्माण करने और टाउन प्लान की अवहेलना करने की शिकायत मिलने के बाद जेडीए जांच करा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि प्रावधानों के खिलाफ बने निर्माण ध्वस्त किए जाएंगे।