हाउसिंग एंड अर्बन मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि इस कदम से रियल एस्टेट कानून भी पहले की तुलना में मजबूत हो सकेगा। अभी 36 राज्यों और यूनियन टेरिटरी में से 30 में रेरा लागू है। पूर्वोत्तर के चार राज्यों में रेरा बनाने की पहल चल रही है।
एक जगह सभी राज्यों की जानकारी
रियल एस्टेट ( रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट ) अधिनियम 2016 ( RERA Act ) के तहत सभी राज्यों के लिए रियल एस्टेट नियामक रेरा का गठन करना अनिवार्य है ताकि घर खरीदारों को धोखाधड़ी से बचाया जा सके और उन्हें कानूनी रूप से सुरक्षा मिल सके। मिश्रा ने कहा, “हम एक कॉमन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने पर काम कर रहे हैं ताकि इस प्लेटफॉर्म पर सभी राज्यों और यूनियन टेरिटरी यहां अपने विचार एक्सचेंज कर सकेंगे और उनसे संबंधित जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी।।”
एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलेंगे रेरा के सभी मामले
मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर खरीदार क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम का फायदा नहीं उठा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने प्रोजेक्ट को रेरा के अंतर्गत रजिस्टर करना अनिवार्य होगा। बता दें कि इस योजना के तहत घर खरीदार को 2.67 लाख की ब्याज छूट मिल सकती है। मिश्रा ने बताया कि इस प्लेटफॉर्म के बन जाने के बाद किसी एक राज्य का रेरा अन्य राज्यों के मामलों को पढ़ व समझ सकता है। यह सुविधा होम बायर्स और बिल्डर्स को भी मिल सकेगी।
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होम बायर्स के लिए फायदेमंद साबित हुआ रेरा
प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) की चौथी वर्षगांठ पर जानकारी देते हुए सचिव ने बताया कि अभी तक 42,000 प्रोजेक्ट्स को रेरा के अंतर्गत रजिस्टर किया जा चुका है। इसके साथ ही 32,000 रियल एस्टेट एजेंट्स का भी रजिस्ट्रेशन हो चुका है। शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जहां भी केंद्रीय रियल एस्टेट कानून लागू किया गया है, वहां होम बायर्स को बड़ी सहूलियत मिली है।
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