scriptआम्रपाली व जेपी की तरह एक और बिल्डर चकनाचूर कर रहा घर खरीदारों का सपना, कानूनी सहारा लेने को मजबूर | 3C Company left hundreds home Buyers in lurch like amrapali and Jaypee | Patrika News
रियल एस्टेट

आम्रपाली व जेपी की तरह एक और बिल्डर चकनाचूर कर रहा घर खरीदारों का सपना, कानूनी सहारा लेने को मजबूर

10 हजार फ्लैट्स में 6,500 फ्लैट्स की डिलीवरी पूरी नहीं।
घर खरीदार NCDRC, NCLT से लेकर UP RERA तक के दरवाजे खटखटा रहे।
नोएडा प्राधिकरण तक का बकाया।

Jul 22, 2019 / 07:58 am

Ashutosh Verma

3C

नई दिल्ली। हनीशा जगतियानी फ्लैट में देरी की वजह से यूपी-रेरा में अपने केस की सुनवाई के लिए मुंबई से आती रहीं, लेकिन डेवलपर की तरफ से कोई भी प्रतिनिधि सुनवाई के लिए नहीं आया। अब हनीश जर्मनी में हैं। लोटस ब्रैंड को ऑपरेट करने वाली 3ष्ट कंपनी के प्रोमोटर्स निर्मल सिंह, सुप्रीत सिंह और विधुर भारद्वाज हैं।

दिल्ली एनसीआर में आम्रपाली और जेपी के बाद अब लोटस के प्रोजेक्ट्स लोगों के घर के सपने को चकनाचूर कर रहा। 3C कंपनी की सहायक कंपनी ग्रेनाइट गेट, लोटस प्रोजेक्ट को तैयार करने वाली कंपनी है। अब इस कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल ( NCLT ) में इस साल के शुरुआत में ही घसीटा जा चुका है।

यह भी पढ़ें – Budget 2019: किराए के मकान के लिए बनेगा कानून, रियल एस्टेट के लिए बड़ा कदम

9 साल भी 65 फीसदी फ्लैट्स की डिलिवरी नहीं

यह कंपनी साल 2010 से 2012 के बीच में नोएडा में करीब 10,000 आवासीय फ्लैट्स को शुरू की थी। करीब 7-9 साल से के बाद अभी भी 6,500 फ्लैट्स की डिलिवरी नहीं हो सकी है। प्रोमोटर्स का कहना है कि वो जल्द से जल्द फ्लैट्स को तैयार कर देंगे। इस बीच अब उन खरीदारों के लिए मुश्किलें बढ़ गईं है जो सालों से अपने सपने का आशियाना पाना चाहते हैं।

रेरा से लेकर एनसीएलटी तक में गुहार

बीते पांच सालों में, लोटस बुलेवर्ड, एस्पैसिया, जिंग, लोटस 300 और पनाश में फ्लैट खरीदार हर तरह के प्रयास कर चुके हैं। अंत में उन्हें, कानून का सहारा लेना पड़ रहा है। एक खरीदार बताते हैं, “2014 में कुछ समय में खरीदार अपने परेशानियों के बारे में नोएडा प्राधिकरण को ही जानकारी देते थे। हालांकि, इससे समस्या का हल नहीं निकल सका और मजबूरन उन्हें नेशनल कंज्यूमर कोर्ट ( NCDRC ) में शिकायत दर्ज करानी पड़ी। इसमें से कूछ लोग यूपी-रेरा में भी केस दर्ज कराया। इससे भी उन्हें राहत नहीं मिल सकी। इसके बाद 2019 में हम घर खरीदारों को एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाना पड़ा।”

यह भी पढ़ें – home buyers की बढ़ेगी सहूलियत, एक ही प्लेटफार्म पर आएंगे सभी राज्यों के RERA

एक प्रोजेक्ट की पूंजी अन्य प्रोजेक्ट पर खर्च

3C कंपनी पर यह भी अरोप लग रहा कि उसने पनाश प्रोजेक्ट की पूंजी को नोएडा सेक्टर 100 के अन्य प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए डायवर्ट कर दिया है। पनाश में कुल 3,900 फ्लैट्स हैं, जिनमें से केवल 1,200 फ्लैट्स को ही डिलीवर किया जा सका है। पिछले साल ही लोटस 300 प्रोजेक्ट के 636 करोड़ रुपये में 191 करोड़ अन्य प्रोजेक्ट में कथित तौर पर डायवर्ट करने के लिए निदेशकों को गिरफ्तार किया गया था।

हनीशा बताती हैं, “हमने यूपी-रेरा में एक बिल्डर के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था। उस समय हम मुंबई में रहते थे और सुनवाई के लिए नोएडा आना पड़ता था। बिल्डर की तरफ से कभी कोई नहीं आता था। बार-बार हमें ही परेशान होना पड़ता था।”

यह भी पढ़ें – बजट में रियल एस्टेट और घर खरीददारों को प्रोत्साहन देने से अर्थव्यवसथा में लौटेगी तेजी

3C ने एस्पैशिया में 534 फ्लैट्स, जिंग में 2,464 फ्लैट्स, लोटस 300 में 300 फ्लैट्स, बुलेवर्ड में 3,120 फ्लैट्स और पनाश में 3,390 फ्लैट्स को लॉन्च किया था। कुल मिलकर इन सभी फ्लैट्स की कुल संख्या 10,308 होती हैं। इसी साल जनवरी माह में पनाश प्रोजेक्ट में घर खरीदारों ने एनसीएलटी में केस दर्ज कराया था।

एनसीएलटी ने इस मामले में पीएस सोनी को रिजॉल्युशन प्रोफेशनल नियुक्ति किया है। सोनी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि लोटस पनाश के 20 टावर्स के प्रोजेक्ट पूरे न होने के बारे में मेरे पास शिकायत है। अभी तक नोएडा प्राधिकरण ने दावा किया है कि जमीन के लिए 900 करोड़ रुपये अभी तक उसे नहीं मिला है। हालांकि, प्राधिकरण के इस दावे को सुलझाते हुए भी फौरी तौर पर 239 करोड़ रुपये जमा करने पर सहमति बनी है।

Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्‍ट्री, अर्थव्‍यवस्‍था, कॉर्पोरेट, म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें Patrika Hindi News App.

Hindi News / Real Estate Budget / आम्रपाली व जेपी की तरह एक और बिल्डर चकनाचूर कर रहा घर खरीदारों का सपना, कानूनी सहारा लेने को मजबूर

ट्रेंडिंग वीडियो