यह भी पढे़ं -आज से मंगल सिंह राशि में प्रवेश, गुरु 11 अगस्त से मार्गी डॉ रत्नदीप निगम ने बताया कि तुलसी मुख्य रूप से पांच प्रकार के पायी जाती है। श्याम तुलसी, राम तुलसी, श्वेत या विश्नू तुलसी, वन तुलसी, और नींबू तुलसी। इन पांच प्रकार की तुलसी विधि द्वारा अर्क निकाल कर तुलसी का निर्माण किया गया है। यह संसार की एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी- बैक्टीरियल, एंटी- वायरल, एंटी- फ्लू, एंटी- बायोटिक, एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व एंटी डिजीज है।
यह भी पढे़ं – easy tips for pitra dosh राशि के अनुसार इन मंत्रों का करें जाप, पितृदोष से मुक्ति के आसान उपाय इस प्रकार करती है लाभ – तुलसी अर्क 200 से अधिक रोगो में लाभदायक हैं। जैसे के फ्लू, स्वाइन फ्लू, डेंगू, जुखाम, खांसी, प्लेग, मलेरिया, जोड़ो का दर्द, मोटापा, ब्लड प्रेशर, शुगर, एलर्जी, पेट के कीड़ों, हेपेटाइटिस, पेट में जलन, गठिया, दमा, मरोड़, बवासीर, अतिसार, आंख का दर्द, दाद खाज खुजली, सर दर्द, पायरिया नकसीर, फेफड़ो सूजन, अल्सर , वीर्य की कमी, हार्ट ब्लोकेज आदि।
– तुलसी अर्क के एक बून्द एक ग्लास पानी में या दो बून्द एक लीटर पानी में डाल कर पांच मिनट के बाद उस जल को पीना चाहिए। इससे पेयजल विष और रोगाणुओं से मुक्त होकर स्वास्थवर्धक पेय हो जाता है।
– तुलसी एक बेहतरीन विष नाशक तथा शरीर हटा के विष को बाहर निकलती है। – तुलसी स्मरण शक्ति को बढ़ाता है। इससे विद्यार्थियों को लाभ होता है। – तुलसी शरीर के लाल रक्त सेल्स को बढऩे में अत्यंत सहायक है।
– तुलसी भोजन के बाद एक बूंद सेवन करने से पेट सम्बन्धी बीमारियां बहुत होती है। – तुलसी के 4 से 5 बूंद पीने से महिलाओं को गर्भावस्था में बार बार होने वाली उलटी के शिकायत ठीक हो जाती है।
– आग के जलने व किसी जहरीले कीड़े के कांटने से तुलसी को लगाने से विशेष राहत मिलती है। – दमा व खांसी में तुलसी के दो बुंद थोड़े से अदरक के रास तथा शहद के साथ मिलकर सुबह, दोपहर, शाम सेवन करें तो लाभ होता है।
यह भी पढे़ं – शनिवार को यहां बांधे काला धागा, दुनिया करेगी सलाम मुंह की दुर्गन्ध दूर करती तुलसी – यदि मुंह में से किसी प्रकार की दुर्गन्ध आती हो तो तुलसी के एक बुंद मुंह में डाल ले दुर्गन्ध तुरंत दूर हो जाएगी।
– दांत का दर्द, दांत में कीड़ा लगना, मसूड़ों में खून आने पर तुलसी के 5 बुंद पानी में डालकर कुल्ला करना चाहिए। – कान का दर्द, कण का बहने पर तुलसी हल्का गरम करके एक -एक बूंद कान में टपकाए।
– नाक में पिनूस रोग हो जाता है, इसके अतिरिक्त फोड़े, फुंसिया भी निकल आती है। दोनों रोग में बहुत तकलीफ होती है। तुलसी को हल्का सा गरम करके एक बुंद नाक में टपकाएं तो लाभ होता है।
यह भी पढे़ं – मध्यप्रदेश में चार अगस्त के बाद फिर होगी झमाझम बारिश बाल झडे़ तो करें ये उपाय – गले में दर्द, गले व मुंह में छाले, आवाज़ बैठ जाए तो तुलसी के 5 बुंद गरम पानी में डालकर कुल्ला करना चाहिए।
– सर दर्द, बाल झडऩा, बाल सफ़ेद होए तो सिकरी तुलसी की 8 से 10 मिली लीटर हर्बल हेयर आयल के साथ मिलाकर सर, माथे तथा कनपटियो पर लगाए तो लाभ होता है। – तुलसी के 8 से 10 बुंद मिलकर शरीर में मलकर रात्रि में सोने से मच्छर नहीं काटेंगे।
– कूलर के पानी में तुलसी के 8 से 10 बुंद डालने से सारा घर विषाणु और रोगाणु से मुक्त हो जाता है। – जूएं व लिख होने पर तुलसी और नीबू का रस समान मात्रा में मिलाकर सर के बालो में अच्छे तरह से लगाए। इसको 4 घंटे तक लगा रहने दे। इसके बाद सर धोये अथवा रात्रि को लगाकर सुबह सर धोए। जुएं व लिखे मर जाएगी।
– तुलसी में सुन्दर और निरोग बनाने की शक्ति है। यह त्वचा का कायाकल्प कर देती है। यह शरीर के खून को साफ करके शरीर को चमकीला बनती है। – तुलसी की दो बुंद एलो जैल क्रीम में मिलाकर चेहरे पर सुबह व रात को सोते समय लगाने पर त्वचा सुन्दर व कोमल हो जाती है तथा चेहरे से प्रत्येक प्रकार के काले धेरे, छाइयां, कील मुंहासे व झुरिया नष्ट हो जाती है।