चीन के होंजोऊ प्रांत में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहा रतलाम का बेटा
कोरोना वायरस का सबसे बेहतर बचाव यही है कि लोगों के संपर्क में नहीं आया जाए। जितनी बार हो सके बार बार हाथ को बेहतर तरीके से साफ किए जाए। जब छींक आए तो इस बात का ध्यान रखें की हाथ मुंह से दूर हो। यह समय युद्ध जैसा है, क्या आप यह चाहते है कि मेरे नाम के साथ भगोड़ा कहलाया जाए।
रतलाम. कोरोना वायरस का सबसे बेहतर बचाव यही है कि लोगों के संपर्क में नहीं आया जाए। जितनी बार हो सके बार बार हाथ को बेहतर तरीके से साफ किए जाए। जब छींक आए तो इस बात का ध्यान रखें की हाथ मुंह से दूर हो। यह समय युद्ध जैसा है, क्या आप यह चाहते है कि मेरे नाम के साथ भगोड़ा कहलाया जाए। यह कहना है रतलाम के बेटे डॉ. अमिश व्यास का। डॉ. व्यास इस समय चीन के प्रांत होंजोऊ में पदस्थ है व कोरोना वायरस के संक्रमण में आने वाले मरीजों का इलाज कर रहे है।
VIDEO ट्रेन में सफर के दौरान शिवानी को हुए पीरियड, चलाया अभियान, बदल गई जिंदगी, मिला इंटरनेशनल पुरस्कार शहर के श्रीमालीवास में डॉ. व्यास का परिवार रहता है। डॉ. व्यास ने पत्रिका को फोन पर बताया कि वे अपनी डॉक्टर पत्नी सुजैन के साथ मरीजों के इलाज में लगे हुए है। यह समय ठीक वैसा है जैसा युद्ध के समय रहता है आपातकाल का। राष्ट्रीय आपदा का समय है। अगर भारत सिर्फ बचने की नियम से आ गया, तो लोग कहेंगे भारत का एक बेटा था, संकट के समय साथ छोड़कर भाग गया।
VIDEO कोरोना वायरस : रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट हुआ 50 रुपए का Corona virus – AC Coach temperature will be 25 degrees” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2020/03/17/corona_virus_3_5902710-m.jpg”>यहां कर रहे है काम डॉ. व्यास ने बताया कि वे चीन के होंजोऊ प्रांत में क्वार्टरानाईन कैंप में काम कर रहे है। जब दुनिया के देशों से लोग लौटकर आ रहे है, तब डॉ. व्यास यहां आने वाले मरीजों का लगातार उपचार कर रहे है। मां ने कहा लौट आओ, तो यही कहा कि यह समय साथ देने का है, छोड़कर आने का नहीं। डॉ. व्यास की मां कविता व्यास ने बताया कि बेटे ने 2007 में एमबीबीएस किया। इसके बाद कुछ समय रेलवे अस्पताल में नौकरी की। 2012 में आगे की पढ़ाई की। 2014 से चीन गए व वही विवाह किया।
VIDEO कोरोना वायरय – जब तक रहेगा तब तक AC कोच का तापमान 25 डिग्री रहेगाफोन पर यह सलाह दी डॉ व्यास ने – बाहर का कुछ भी नहीं खाए नहीं पीने का कार्य करें। – दूध भी आए तो पहले व बाद में स्वयं के हाथ को साफ करें। – जहां तक हो बाहर की यात्रा को टाले। – खांसी, जुकाम आदि को गंभीरता से, चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।