रतलाम. कलेक्टर किसी भी जिले में सत्ता और आमजनता के बीच की चाबी होते है। शासन की प्राथमिकता के अनुसार वे शासकीय और प्रशासकीय काम तो करते ही है, इसके साथ – साथ स्वयं के नवाचार भी करते है। जिले में दो हजार के दशक में आए कुछ कलेक्टर ने जो काम की शुरुआत की, वो नए कलेक्टर के आते ही बंद हो गए। ऐसे में अब कहा जाने लगा है कि रतलाम हर कलेक्टर के लिए मात्र प्रयोगशाला है, जिसमे वे नवाचार का टेस्ट मात्र करते है।
जिले के पिछले तीन कलेक्टर के कामकाज को ही उनके रहने के समय अनुसार स्कैन किया जाए तो यह साफ नजर आ जाएगा कि जिले में तत्कालीन समय में रहते कलेक्टर ने जो अच्छी योजनाएं चलाई, वो समय के साथ बंद हो गई। इन योजनाओं को निरंतर जारी रखा जाता तो शहर ही नहीं, बल्कि जिले में सभी को लगातार लाभ होता। हालांकि एक कलेक्टर ऐसे भी रहे जिनको कोरोना काल के दौरान अधिक काम करने का अवसर नहीं मिला, लेकिन उनके नवाचार को भी पसंद किया गया।
इस तरह समझेकलेक्टर रुचिका चौहान 3 अप्रेल 2018 से 23 अगस्त 2020 तक कलेक्टर चौहान पदस्थ रही। उन्होंने महिला शसक्तिकरण के लिए शासकीय विभागों में महिला अधिकारियों को आगे किया। इतना ही नहीं, शहर में स्थाई हो चुके पक्के अतिक्रमण के खिलाफ मोर्चा खोला, वे जब तक रही, कुछ अतिक्रमण हटे भी, लेकिन उनके जाते ही प्राथमिकता बदल गई।
कलेक्टर गोपालचंद्र डांड 24 अगस्त 2020 से 9 मई 2021 तक कलेक्टर रहे डांड ने अवैध कॉलोनी बसाने वालों के खिलाफ मोर्चा खोला था। कॉलोनियों की जानकारी तलब की, वे कुछ कर पाते, इसके पूर्व ही कोरोना बढ़ गया। इसके बाद जिले में हर दिन पहले 100 और बाद में 200 से अधिक मरीज आने लगे। इससे अवैध कॉलोनी के खिलाफ अभियान गति नहीं पकड़ पाया।े
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम 9 मई 2021 से 17 मई 2022 तक कलेक्टर कुमार पदस्थ रहे। कलेक्टर के रुप में कुमार ने इंटर स्टेट बस स्टैंड बनाने के लिए पहल की। ट्रांसपोर्ट नगर के लिए पहल की। आईएसबीटी याने की इंटर स्टेट बस स्टैंड बनाने की योजना कागज में दफन होती नजर आ रही है, क्योंकि इस योजना पर कलेक्टर के तबादला होते ही काम रुक गया।
कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी 17 मई 2022 को पदस्थ कलेक्टर के रुप में पदस्थ हुए सूर्यवंशी ने दावा किया है कि वे भ्रष्टाचार मुक्त जिला बनाएंगे। इसके लिए वे हेल्पलाइन नंबर जारी करेंगे। इसके अलावा जरूरी हुआ तो जनता से सीधे मुलाकात के लिए कैंप भी शहर और गांव में लगाएंगे। कलेक्टर के अनुसार आमजन को तुरंत न्याय मिले यह उनकी प्राथमिकता में रहेगा, प्राथमिकता पर काम चुनाव के बाद होगा।
यह व्यक्ति के मन पर निर्भर जब व्यक्ति पीएससी या आईएएस की पढ़ाई करता है, तब ही मन बना लेता है कि जिला मिलने पर क्या बेहतर किया जा सकता है। जिले की परिस्थिति पर नवाचार तय किए जाते है और इनकी शुरुआत होती है। कभी – कभी नए कलेक्टर उसको और बेहतर करते है, कभी प्राथमिकता से हटा देते है। यह काम करने वाले व्यक्क्ति के मन पर निर्भर करता है।
– राजेंद्र शर्मा, पूर्व कलेक्टर रतलाम IMAGE CREDIT: patrika
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