इस दौरान कलेक्टर पुरुषोत्तम ने कहा कि, किसी भी शख्स को गांव छोड़कर जाने की जरुरत नहीं, यहां हम किसलिए हैं। कोई भी असामाजिक तत्व कोई हरकत करता है तो उसके साथ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने चौपाल के दौरान एसपी के हवाले से गांव में अस्थायी पुलिस चौकी शुरू करने की बात कही। साथ ही, ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि, जिन लोगों पर पूर्व के तीन या इससे ज्यादा केस हैं उन्हें जिलाबदर किया जाएगा और शासकीय जमीन पर जिसने भी अतिक्रमण कर रखा है, एक माह के भीतर उस जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा।
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गृहमंत्री भी कह चुके हैं- सख्ती से निपटें
इस संबंध में मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट करके कहा है कि, वो पीडि़तों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन से बात करेंगे। मध्य प्रदेश शांति का टापू है, यहां कोई भी भय का वातावरण नहीं फैला सकता है।
यह है मामला
बता दें कि, जिले के सुराणा गांव में पिछले कई दिनों से एक धर्म विशेष के लोग दूसरे धर्म विशेष के लोगों को तंग करते हैं। इससे संबंधित मामले कई बार सामने आ चुके हैं। इसपर मंगलवार को एक समुदाय के लोग कलेक्ट्रेट जन सुनवाई में पहुंचे और गांव छोड़ने की बात कह दी। यही नहीं मंगलवार रात को ही इन सभी लोगों ने अपने घरों और दुकानों पर ‘संपत्ति बिकाऊ है’ के पोस्टर भी लगा दिये। ग्रामीणों क इस फैसले ने प्रशासन और पुलिस हरकत में आ गया। बुधवार को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी गौरव तिवारी समेत प्रशासनिक अमला गांव पहुंचा और पीड़ितों की शिकायत सुनी। इस दौरान पीड़ितों ने पुलिस पर न्यायपूर्ण कार्रवाई न करने का आरोप भी लगाया।
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सौहार्द बिगाड़ने वाले की संपत्ति जब्त होगी
कलेक्टर और एसपी ने एक-एक करके दोनों समुदाय के लोगों से गांव के स्कूल परिसर में चौपाल लगाकर बैठक की। गांव में शांति बनाए रखने के लिए पांच बिंदु निर्धारित किए गए हैं। तय हुआ कि, गांव में अस्थायी पुलिस चौकी बनेगी। तीन से ज्यादा केस वाले लोगों को जिलाबदर किया जाएगा। एक महीने में सभी अवैध कब्जे हटाए जाएंगे। सौहार्द बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई होगी, संपत्ति जब्त करने से लेकर जिलाबदर तक की कार्रवाई होगी। गांव में एक कमेटी बनेगी। कमेटी में दोनों समुदाय से दो-दो लोगों को शामिल किया जाएगा।साथ ही, समिति में ग्रामीण एसडीएम कृतिका भीमावत और ग्रामीण एसडीओपी संदीप निगवाल को शामिल किया गया।