यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष और जिला अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने बताया कि, सरकार ने अपने कारपोरेट परस्त, पूंजी परस्त, नीतियों के चलते इज ऑफ डूइंग बिजनेस के नाम पर 44 श्रम कानूनों को मालिकों के पक्ष में लचीला कर इन्हें चार श्रम संहिताओं में बेहद असंवैधानिक तरीके से बदल दिया है। वहीं, शाखा सचिव हरीश सोनी ने बताया कि, हड़ताल के माध्यम से हम नियोक्ताओं से मांग करते हैं कि, दवा प्रतिनिधियों पर सेल के नाम पर प्रताडऩा, बर्खास्तगी एवं वेतन कटौती पर रोक लगाई जाए।
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यहां किया प्रदर्शन
एमआर यूनियन ने मंगलवार को दवा बाजार में तो बुधवार को रतलाम के पावर हाउस रोड पर प्रदर्शन किया। इस दौरान कहा गया कि, श्रम सुधार कानून में बदलाव किए जाएं। इस दौरान निखिल मिश्रा, अभिषेक जैन, कमलेश देशमुख, रशीद खान, पुलकित जोशी आदि सदस्य उपस्थित रहे।
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