MP News : मानसून आते ही देश से कट जाता है इस इलाके का संपर्क, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान, Video
MP News : पुल के अभाव में बारिश के दिनों में जान जोखिम में डालकर नदी पार करते है यहां ग्रामीण। किसी दिन भी हो सकते हैं हादसे का शिकार। आजादी से अबतक कई बार मिला भरोसा लेकिन कभी भी काम नहीं हुआ।
MP News : बीमार होने पर स्वास्थ्य केंद्र तक जाना, खाली गैस की टंकी को बदलवाना, राशन दुकान से अपने घर तक अनाज ले आना आदि कई जरूरी और मूलभूत कार्य जिले में कुछ लोगों के लिए ये सामान्य कार्य नहीं हैं, बल्कि जिंदगी और मौत के बीच का संघर्ष है। ऐसी ही जिदंगी जीने को मजबूर हैं मध्य प्रदेश के रतलाम जिले की जावरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली पिपलौदा तहसील के ग्राम नांदलेटा में कालबेलिया बस्ती के लोग।
गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूरी पर मलेनी नदी के पार कालबेलिया बस्ती में करीब 400 की आबादी है। ग्रामीणों द्वारा सैकड़ों बार जिम्मेदारों के आगे गुहार लगाने और दर्जनों बार आश्वसन मिलने के बावजूद यहां नदी पर अब तक पुलिया नहीं बन सकी है। हर बार चुनाव के समय, फिर भले ही वो लोकसभा हो या विधानसभा या फिर नगरीय निकाय से जुड़ा या जिला पंचायत के चुनाव, पुलिया निर्माण का भरोसा दिलाकर हर बार प्रत्याशी चुनाव के समय इनसे वोट ले जाते हैं, लेकिन अबतक इनकी सबसे बड़ी समस्या का निदान किसी स्तर पर भी नहीं हो सका है।
बाइक को कंधे पर उठाकर नदी के दूसरे छोड़ ले जाते लोग
बारिश के दिनों में यहां ग्रामीणों को जरूरी काम के समय उफनती हुई नदी तक पार करनी पड़ती है। कई बार यहां के ग्रामीण दुर्घटनाओं का शिकार तक हो चुके हैं। बारिश में गांव से कट जाते काल बेलिया बस्ती में रहने वाले लोगों का कहना है कि गांव में जब से उन्होंने या उनके परिवार के वृद्ध ने जन्म लिया, तब से पुलिया की मांग सुनते आ रहे हैं। लेकिन, आजादी के इतने वर्षों बाद भी अबतक उनका गांव मूलभूत जरूरतों का अभाव झेल रहा है।
कालबेलिया बस्ती में फिलहाल 70 से 80 परिवार रह रहे हैं। लेकिन इनका पूरा क्षेत्र बारिश के सीजन में बाहरी जिले, प्रदेश और देश से कट जाता है। खाने पीने या अन्य जरूरतों का सामान तो कई ग्रामीण बारिश आने से पहले ही खरीदकर घरों में भर लेते हैं। फिर भी कई ग्रामीणों को इस दौरान भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खासकर आपात स्थित में गांव से बाहर निकलना, जान पर खेलने से कम नहीं होता। लेकिन, कई बार अधिक मजबूरी होने के कारण लोग जान का खतरा मोल लेकर भी मजबूरन नदी पार करते हैं।
‘कमजोर, मजदूर वर्ग के लोग यहां रहते हैं’
यहां रहने वाले अरविंद, रमेश, जितेंद्र कुमार, सरिता, मालती, पुष्पा, विद्या आदि लोग बताते हैं कि खाने का सामान, दूध, राशन, गैंस टंकी लानी हो या कोई भी काम हो यहां के हर स्थानीय को कड़ी मशक्त का सामना करना पड़ता है। वहीं, दूसरा रास्ता पास के गांव भैंसाडाबर होकर वापस नांदलेटा आने का है, जिसमें 8-10 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। अधिकांश निवासी बेहद अर्थ के मामले में कमजोर और सभी के सभी दैनिक मजदूरी करते हैं।
मामले को लेकर जावरा-मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता का कहना है कि इस क्षेत्र के रहवासियों की समस्या की जानकारी है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करवाया जा रहा है। प्रस्ताव तैयार होने के बाद डीपीआर की मंजूरी होते ही टेंडर जारी करवाए जाएंगे।
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