script#LataMangeshkar : 1966 में पहली बार रतलाम आई थी स्वर कोकिला लता मंगेशकर | #LataMangeshkar : Came to Ratlam for the first time in 1963 | Patrika News
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#LataMangeshkar : 1966 में पहली बार रतलाम आई थी स्वर कोकिला लता मंगेशकर

स्वर कोकिला, मां सरस्वती की आवाज सहित कई उपाधियों वाली हरदिल अजीज लता मंगेशकर का मध्यप्रदेश के रतलाम से संबंध वर्षो पुराना रहा है। वे 1966 में पहली बार मालवा की इस माटी पर आई थी।

रतलामFeb 06, 2022 / 11:18 am

Ashish Pathak

Lata Mangeshkar

Lata Mangeshkar

रतलाम.
स्वर कोकिला, मां सरस्वती की आवाज सहित कई उपाधियों वाली हरदिल अजीज लता मंगेशकर का मध्यप्रदेश के रतलाम से संबंध वर्षो पुराना रहा है। वे 1966 में पहली बार मालवा की इस माटी पर आई थी। तब से रतलाम से उनका खास जुड़ाव रहा।
रतलाम में माय डियर के नाम से वर्षो तक प्रसिद्ध रहे फोटोग्राफर गजानंद शर्मा के बेटे लगन शर्मा ने बताया लता मंगेशकर जी से पहली बार पिता की मुलाकात 1955 में तब के बांबे व आज के मुंबई में हुई थी। असल में पिता पृथ्वीराज कपूर से जुड़े हुए थे। उनके थिएटर में काम करते थे। तब लता जी से पहली मुलाकात हुई थी। इसके बाद जब पृथ्वी थिएटर की पहली फिल्म पैसा पृथ्वी कपूर के द्वारा 1956 में आई, उसमे भी पिता की फोटोग्राफी रही। तब भी लता जी से संबंध रहा।
इसलिए आई थी रतलाम

वर्ष 1966 में पहली बार लता जी रतलाम आई थी। यह वो दौर था जब हिंदी फिल्मों के रोमाङ्क्षटक कलाकार दिलीप कुमार व वहिदा रहमान की फिल्म दिल दिया दर्द लिया आई थी। इस फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में पूरी यूनिट रतलाम आई थी। तब लता जी भी साथ रही। इसके बाद कई बार लता जी का रतलाम आना – जाना रहा।
परिवार के सदस्य भी रतलाम में

लगन शर्मा ने बताया लता, उषा व आशा में एक बहन के करीबी रिश्तेदार रेलवे कॉलोनी में रहते थे। इस वजह से लता जी का तीन बार रतलाम आना हुआ। तब वे जब – जब रतलाम आती थी, हर बार स्टेशन रोड स्थित निवास पर आती थी। इसके अलावा जब भी इंदौर या मांडू आना – जाना होता था, तो रतलाम से ही जाना पड़ता था, तब भी वे घर आती थी।
अंतिम मुलाकात 1987 की शादी में

लगन शर्मा ने बताया उनकी लता जी से अंतिम सार्वजनिक मुलाकात पदमीनी कोल्कापुरी की 1987 में हुई शादी में हुई थी। तब पदमीनी कोल्कापुरी के विवाह की पूरी फोटोग्राफी उन्होंने ही की थी। यह बात कम को पता है कि लता जी रिश्ते में पदमीनी कोल्कापुरी की बुआ है। इनके भाई हदयनाथ मंगेशकर भी रतलाम आए थे। भाई गणेश उत्सव में 1997 में महाराष्ट्र समाज में द्वारा आयोजित आयोजन में जब रतलाम आए तब लगन शर्मा के घर पर आए थे। शर्मा का पूरे परिवार से संबंध है।
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