श्रम संगठनों ने मूल्य नियंत्रण, बेरोजगार युवाओं के लिए अधिक नौकरियों के सृजन, नौकरी के अधिकार, वेतन के अधिकार, नौकरी की सुरक्षा, परमानेंट पदों पर आउटसोर्सिंग के समाप्त करने, लेबर कानून में किसी तरह का प्रतिकूल संशोधन और ट्रेड यूनियन के अधिकारों में कटौती की मांग को लेकर हड़ताल बुलाई है। श्रम संगठन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में किसी तरह की कटौती के बिना न्यूनतम वेतन को 21 हजार रुपए करने की मांग कर रहे हैं। बुधवार को हिंद मजदूर सभा की बैठक यूनियन कार्यालय में हुई। इसमे हड़ताल को सफल बनाने की अपील की गई है।
बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख यूनियन एआईबीईए, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, हिंद मजदर सभा, आईएनबीओसी होंगी। इस हड़ताल का डाक विभाग कर्मचारी संगठन, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम, सामान्य बीमा क्षेत्र के कर्मचारियों ने भी समर्थन किया है। इससे जिले में एक दिन के लिए कें्रद्रीय सरकारी कार्यालयों में कामकाज पर असर होगा।
8 जनवरी की हड़ताल केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ की जाएगी। जिसमें नौकरियों की सुरक्षा, रोजगार सृजन और श्रम कानूनों में संशोधन बंद करने से संबंधित मांगे रखी जाएंगी।
– गोविंदलाल शर्मा, प्रांतीय अध्यक्ष, हिंद मजदूर सभा