अरनीयापीथा स्थित कृषि उपज मंडी में कार्यरत तुलावाटियों को मंडी सचिव द्वारा बगैर भारसाधक अधिकारी की स्वीकृति के निलंबित करने का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। पिछले गुरुवार को मंडी में कार्यरत तीन तुलवाटियों को निलंबीत करने के बाद मंगलवार को मंडी के दोनों व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों तथा तुलावटी संघ ने सचिव द्वारा द्वेषतापूर्वक कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए तीनों तुलावटियों को पुन: बहाल करने की मांग को लेकर मंडी भारसाधक अधिकारी को ज्ञापन सौंपे।
तुलावटी संघ ने मंडी भारसाधक अधिकारी व एसडीएम एमएल आर्य को दिए आवेदन में बताया कि तीन तुलावटियों के लाईसेंस लाल पर्ची व्यापारी को नही देने के कारण निरस्त किए गए है जो द्वेवेषापूर्ण कार्रवाई की श्रेणी में आते है। विगत कई वर्षो से मंडी में उपज तुलाई के दौरान तुलावटी तौल बुक की प्रथम कॉपी (सफेद) कृषि उपज मंडी को उपलब्ध कराता है तथा तौल कार्य कर द्वितीय पर्ची (हरी) किसान को देता है जिससे व्यापारी द्वारा किसान को भूगतान कर दिया जाता है। इस प्रकार तृतीय पर्ची (लाल) तौल बुक के साथ ही कृषि उपज मंडी में तुलावटी बुक के साथ जमा हो जाती है। क्योकि लाल पर्ची व्यापारी वर्ग नही लेता है, जिससे उसकी उपयोगिता शुन्य के बराबर होने से उसमें कार्बन नही लगाया जाता है।
इधर मंडी व्यापारी संगठन तथा काटजू व्यापारी संघ ने भी मामले में भारसाधक अधिकारी आर्य को आवेदन दिया। पदाधिकारियों ने बताया कि द्वितीय पर्ची कृषक की (हरी) पर्ची से ही व्यापारी वर्ग कृषकों को उपज का भुगतान 82/2 बिल बनाया जाता है तथा तृतीय (लाल पर्ची) की आवश्यकता हम व्यापारी को नही रहती है। इसलिए हम लाल पर्ची तुलावटी से नही लेते हुए हरी पर्ची द्वितीय से ही किसान से लेकर बिल बनाते है ओर भुगतान किया जाता है। लाल पर्ची के कारण तीन तुलावटियों के लाईसेंस निरस्त किए गए है, उन्हे बहाल करने की मांग की गई।