रतलाम। नवरात्रि में अक्सर व्रत करने वालों के सामने समस्या होती हैं कि वे क्या फलाहार ले जिससे उनकी सेहत ठीक बनी रहे। यह समस्या विभिन्न प्रकार की लंबी बीमारी से जुझ रहे वृद्धों के सामने के साथ-साथ कामकाजी लोगों के सामने आती है। रतलाम की डॉ. डॉली मेहरा के अनुसार व्रत के दौरान फल व उनका ज्यूस अधिक लेना चाहिए।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की सदस्य डॉ. मेहरा के अनुसार पोषण की उचित गुणवत्ता शरीर को मिलती रहना चाहिए। इससे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव होता है। व्रत में वे लोग जो दिल की बीमारी के मरीज है, उनको आलू से बने किसी भी प्रकार के फलाहार से बचना चाहिए। मधुमेह के मरीज को जब शरीर में शकर की मात्रा का स्तर 60 एमजह से नीचे चला जाए तो उपवास से परहेज करना चाहिए।
शुगर के मरीज रखे अपना इस तरह ध्यान
शुगर के मरीजों को व्रत रखने में समस्या नहीं होती, लेकिन टाइप-1 स्तर की शुगर हो तो फिर इस प्रकार के मरीजों को व्रत नहीं रखना चाहिए। लंबी बीमारी से पीडि़त मरीजों को चिकित्सक से सलाह लिए बगैर उपचास से दूर ही रहना चाहिए व चिकित्सक की सलाह पर चल रही दवा को जारी रखना चाहिए। व्रत में जहां तक हो अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए व फल का ज्यूस तो लेना ही चाहिए। शरीर में उर्जा के लिए सबसे अधिक बेहतर नारियल पानी होता है।
कुछ जरूरी सेहतमंद सुझाव
-सादा दही की बजाए लौकी का रायता खाएं।
-बीच में बादाम खाए जा सकते हैं।
-कुटृटू के आटे की रोटी कद्दू के साथ खाएं।
-थोड़ी-थोड़ी देर बाद उचित मात्रा में फल खाते रहें ताकि शरीर में पोषक तत्व बने रहें।
-सिंघाड़े और कट्टू का आटा मिला कर पकाएं।
-सिंघाड़ा अनाज नहीं बल्कि फल है, इसलिए इसे अनाज की जगह प्रयोग किया जा सकता है।
-सिंघाड़े के आटे में ग्लूटन नहीं होता इसलिए सीलियक बीमारी से पीडि़त या ग्लूटन से एलर्जी वाले मरीज इसका प्रयोग कर सकते हैं।
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