कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद ये पहला आयोजन है। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि धारा 370 की सख्ती के चलते वहां से कम जायरीन चूल में दूल्हा बनने के लिए यहां आए हैं। इस बार गुरुवार की शाम तक केवल 135 काश्मीरी जायारीन ही पहुंचे थे, शुक्रवार शाम तक ये आंकड़ा बढ़कर करीब 150 तक पहुंचने की संभावना है। बड़ी बात यह है कि इस आयोजन में प्रतिवर्ष दुनिया के कई देश के लोग शामिल होते है, इस बार जब से कश्मीर से धारा 370 व 35A को हटाया गया, तब पहली बार कोई विदेशी नहीं पहुंचा है।
कई प्रदेशों के जायरीन पहुंचे चेहल्लुम में एफआरओ सेक्शन से मिली जानकारी अनुसार अब तक केवल देश के ही नागरिक यहां पहुंचे, विदेश से किसी भी नागरिक ने अब तक ऑनलाइन पंजीयन नहीं करवाया हैै। वहीं अब तक हुसैन टैकरी पर महाराष्ट्र, हैदराबाद, उत्तरप्रदेश, बिहार के साथ ही राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के कई जिलों के रहवासी हुसैन टैकरी पर पहुंचे है। मुख्य आयोजन से एक दिन पहले तक हुसैन टैकरी पर करीब 12 हजार लोग ही पहुंचे थे, ऐसे में शुक्रवार को मुख्य आयोजन है, सूत्रों की मानें तो इस बार यह आंकड़ा केवल 70 हजार तक पहुंच सकता है। चूल के ऊपर से गुजरने वाले पहले 14 जायरीनों को दूल्हा कहा जाता है। इसके चलते कश्मीर से आने वाले लोग इसमें बहुतायत से शामिल होते हैं। दूल्हों की संख्या अधिक होने पर लाटरी सिस्टम से तय किए जाते हैं।