हालाकि हमसफर का टिकट महंगा होता है, लेकिन फिर भी यात्रियों को इससे बड़ा लाभ होगा। बड़ी बात तो ये है कि हीरा व साड़ी कारोबारी लंबे समय से सूरत के लिए अतिरिक्त ट्रेन की मांग कर रहे थे। उनको इस ट्रेन से लाभ होगा। इसके अलावा राज्य की राजधानी भोपाल का संबंध भी गुजरात से होगा। इतना ही नहीं, रतलाम से भोपाल जाने वाले वे यात्री जो शाम को 5 व 7 बजे की ट्रेन रतलाम आने के लिए काम में देरी होने की वजह से नहीं पकड़ पाते है, उनको सोमवार को तो एक ट्रेन की सुविधा रतलाम के लिए मिलेगी। इसके अलावा बड़ोदरा से रतलाम आने के लिए दोपहर 12 बजे बाद शाम 5 बजे के पहले कोई ट्रेन नहीं है, एेसे में ये ट्रेन सोमवार को मदद के लिए यात्रियों को शाम को 4.35 बजे ही मिल जाएगी।
इस ट्रेन में आने-जाने के दौरान बिजली से चलने वाला इंजन होने से भी गति का लाभ यात्रियों को मिलेगा। इतना ही नहीं, इस समय उज्जैन अगर धार्मिक व्यक्ति महाकाल दर्शन के लिए या भस्म आरती में जाना चाहे तो शाम को 7 बजे बाद कोई सीधी ट्रेन नियमित रुप से मध्यरात्रि में 2 बजे पहले नहीं है। इसके अलावा साप्ताहिक ट्रेन रात को 12.30 बजे रहती है। अब ये अतिरिक्त ट्रेन की सुविधा यात्रियों को मिलेगी व मंगलवार रात 9.10 बजे रतलाम से चलकर सिर्फ 2 घंटे में उज्जैन रात 11.10 बजे लगा देगी।
चलने का समय-स्टेशन-आने का समय
रात 8.45-हबीबगंज-3.10 मध्यरात
9.25-बैरागढ़-2.10
9.48-सीहोर-1.40
10.20-शुजालपुर-1.05
11.20-मक्सी-12.05
12.35-उज्जैन-11.10
2.35-रतलाम-9.05
7.10-बड़ोदरा-4.35
9.35-सूरत-2.25
10.05-उधना-2.30