यह भी पढे़ं – krishna Janmashtami Date 2019: इस शुभ मुहूर्त में करें माखनचोर की पूजा ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने भक्तों को कहा कि कुछ लोग इमेज ( Ganesh Chaturthi Images ), फोटो, एमपी3 सोंग ( ganesh songs ) आदि से भी बधाई देते है। बल्कि मोबाइल ( Mobile ) पर वॉल फोटो लगाकर रखते है। यहां तक तो ठीक है, लेकिन जब ट्यून गणपति के भजन, गणेश आरती ( ganesh aarti ) की होती है तो मोबाइल बजते ही इसको अटेंड करने में वो आधी ही बजती है। इससे बचना चाहिए। गणेश पूजन मुहूर्त दिनभर रहेंगे। इसमे तो विशेष देखना भी नहीं चाहिए, क्योकि गणपति को स्वयं ही संकट से लेकर कष्ट को हरने वाले है। इसलिए प्रसन्न मन से विनायक की पूजन करना चाहिए।
यह भी पढे़ं -शनिवार के दिन हो रहा शुक्र का राशि परिवर्तन, 12 राशियों पर इस तरह पडेग़ा प्रभाव,… गणपति की प्रतिष्ठा इस तरह हो – जब भक्त गजानन को लेने जाएं तो नवीन वस्त्र धारण करें।
– चांदी की थाली में स्वास्तिक बनाकर उसमें गणपति को विराजमान करके लाएं।
– चांदी की थाली संभव न हो पीतल या तांबे का प्रयोग करें।
– मूर्ति बड़ी है तो हाथों में लाकर भी विराजमान कर सकते हैं।
– घर में विराजमान करें तो मंगलगान करें, कीर्तन करें।
ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने बताया कि जब भक्त अपने घर गणपति को विराजमान करें तो कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। चार हल्दी की बंद लगाएं। अक्षत रखें। इस पर छोटा बाजोट, चौकी या पटरा रखें। लाल, केसरिया या पीले वस्त्र को उस पर बिछाएं। रंगोली, फूल, आम के पत्ते और अन्य सामग्री से स्थान को सजाएं। तांबे का कलश पानी भर कर, आम के पत्ते और नारियल के साथ सजाएं। यह तैयारी गणेश उत्सव के पहले कर लें। इसके बाद गणपति उत्सव उत्साह के साथ मनाए।