माजरा ये है कि, रतलाम के रहने वाले लोकेश ने हरिद्वार से रतलाम के लिए 25 अक्टूबर को तत्काल ऑनलाइन टिकट बुक किया। जर्नी 26 अक्टूबर से शुरु थी। रेलवे द्वारा यात्री को टिकिट ईशु की गई, जिसके मुताबिक यात्री को कोच क्रमांक AB2 में 17 नंबर की लोवर साइड बर्थ अलॉट की हुई। लेकिन रेलवे द्वारा किन्हीं कारणों से उस कोच को ही रद्द कर दिया गया। हालांकि, जब यात्री ने अपना पीएनआर चेक किया तो उसे हरिद्वार से रतलाम आने के लिए A1 कोच में 5 नंबर की सीट अलॉट दिखी। हालांकि, ये घटनाक्रम यात्री के साथ रतलाम रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद शुरु हुआ।
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इसलिए दूसरे कोच से उतरना पड़ा
पीड़ित यात्री के अनुसार, रतलाम स्टेशन पर अपना शहर आने के कारण जब कोच के गेट पर आया तो उस गेट पर भीड़ अधिक थी। उसने सोचा की कहीं इस भीड़भाड़ में फंसकर ट्रेन आगे न बढ़ जाए, इसलिए वो प्लेटफॉर्म पर उतरने के लिए अगले कोच AH1 के गेट पर पहुंच गया। यहां कोटा के TC निर्मल श्रीवास्तव खड़े थे। लोकेश का आरोप है कि, ‘उन्होंने उससे कहा की तुम इस कोच में कैसे आ गए ?’इसपर यात्री ने सफाई दी कि, ‘उस कोच के गेट पर भीड़ अधिक है, मुझे यहीं उतरना है, अगर भीड़ के बीच निकलने का प्रयास करता तो ट्रेन से गिर सकता था और भीड़ के निकलने का इंतेजार करता तो शायद गाड़ी आगे बढ़ जाती, इसलिए यहां से गुजर रहा हूं।’
TC पर रिश्वतखोरी का आरोप
लोकेश का आरोप है कि, इसपर टीसी निर्मल श्रीवास्तव ने उनसे डिमांड कर दी कि, ‘ऐसे नहीं चलेगा, तुम्हें चालान कटवाना पड़ेगा, वरना 1 हजार रुपए देकर निकल जाओ।’ इसपर यात्री ने कहा कि, ‘ये क्या बात हुई कि, सिर्फ गेट पर से उतरने के लिए उससे 1 हजार रुपए मांगे जा रहे हैं, जबकि उसके पास इसी स्टेशन तक आने का टिकट भी है।’ यात्री के अनुसार, जब उसकी ओर से रुपए देने से इंकार कर दिया गया तो टीसी नाराज होकर अपना रुतबा दिखाने लगे। उन्होंने धमकाते हुए कहा कि, विजिलेंस ने उन्हें अवार्ड दीया है, तुम रतलाम वाले लोग और रतलाम का स्टाफ दोनों ही जूते खाने वाले हो। यात्री का आरोप है कि, टीसी द्वारा उनके साथ किसी साइको जैसा व्यव्हार किया गया।
सामने आया बदसुलूकी का वीडियो
टीसी द्वारा यात्री से बदतमीजी का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें टीसी प्लेटफॉर्म पर जोर जोर से आवाजे लगाते सुनाई दे रहे हैं। यही नहीं, पीड़ित यात्री का आरोप है कि, टीसी उसे लेकर आरपीएफ थाने पहुंच गए, जहां उन्होंने पुलिस के साथ मिलकर उनपर दबाव बनाया कि, तुम्हें माफीनामा लिखना होगा, वरना तुम्हें यहीं बंद कर लेंगे। यात्री का कहना है कि, घर जाने की देरी के चलते दबाव में आकर उसे वहां माफीनामा लिखना पड़ा। यात्री अब रेल मंत्री से उसके साथ हुई बदसुलूकी को लेकर न्याय की गुहार लगा रहा है।