यूनियन प्रवक्ता प्रकाश व्यास ने बताया सममेलन में महामंत्री भोसले ने कहा कि रेलवे बोर्ड व सरकार द्वारा बार-बार सिर्फ मांग को मंजूर करेंगे, विचार करेंगे आदि बात तो की जा रही है, लेकिन अब तक इस पर निर्णय नहीं लिया है। लार्जेस स्कीम का मामला हो, रनिंग एलाउंस का मामला हो, ट्रैक मेंटेंनेंस के समवर्गो का मामला हो, अब तक किसी ने भी सकारात्मक निर्णय इस पर नहीं लिया है। इसलिए कार्यसमिति ने निर्णय लिया कि 45 दिन का समय दिया जाए। तब भी मांग मंजूर नहीं हुई तो रेल कर्मचारी वर्क टू रुल पर चले जाएंगे। इसके बाद कोई ट्रेन चले या नहीं चले, ये हमारी जिम्मेदारी नहीं रहेगी।
पूर्व के आंदोलन को किया याद महामंत्री भोसले ने कहा कि यूनियन ने वर्षो तक बेहतर कार्य करके अपनी पहचान बनाई है। अब समय है, फिर से कड़ा संघर्ष किया जाए। महिलाए हो या युवा, आगे आकर कार्य करें। कार्य करेंगे तो ही आपकी पहचान बनेगी। इसलिए आपसी विवाद छोडक़र कार्य करने पर ध्यान दे। पूर्व में हुए आंदोलन व हक की लड़ाई की वजह से ही यूनियन की पहचान है। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं से अलग-अलग समूह में भोसले ने बात की व हर सवाल के जवाब दिए। इस अवसर पर हिंद मजदूर सभा के प्रदेश महामंत्री गोविंदलाल शर्मा, पूर्व मंडल अध्यक्ष मनोहर पचौरी, मंडल अध्यक्ष एसएस शर्मा, मंडल मंत्री एसबी श्रीवास्तव, केंद्रीय उपाध्यक्ष सीमा कौशिक, पेरिन सोफिया आदि ने भी युवाओं को संबोधन दिया।
ये रहे उपस्थित
सम्मेलन में युवा समिति अध्यक्ष अध्यक्ष गौरव सांगते, सचिव दीक्षांत पंड्या, मंडली पदाधिकारी नरेंद्र सिंह सोलंकी, मनोहर बारोट, विष्णु शर्मा, जितेंद्र जायसवाल, हरदेश पांडे, हरीश चांदवानी, अशोक तिवारी, शैलेश तिवारी, सुशांत भारती, शालिग्राम पांडेय, सुनील चतुर्वेदी,आदि उपस्थित थे।