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एसडीएम सदर ने बताया कि पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में तकरीबन 35 एकड़ शत्रु संपत्ति पर भी कब्जा किया गया है। उसी कब्जे को लेकर एक पत्र यूनिवर्सिटी के रजिस्टार को भेजा गया है। पत्र में लिखा है कि वह 7 दिन के भीतर अभिलेखों सहित जवाब प्रस्तुत करें। अगर वे दस्तावेजों के साथ अगले 7 दिन में जवाब प्रस्तुत नहीं कराते हैं तो हम भारी पुलिस बल के साथ यूनिवर्सिटी कैंपस जाएंगे और शत्रु संपत्ति को उनके कब्जे से मुक्त करेंगे। साथ ही में जो खर्चा आएगा, वह खर्चा भी यूनिवर्सिटी के रजिस्टार से वसूला जाएगा।
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दरअसल, यूपी में सत्ता बदलने के बाद से ही रामपुर में सपा नेता आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के खिलाफ शिकायतों का सिलसिला तेज हो गया था। आरोप है कि इस विश्वविद्यालय के निर्माण में तकरीबन 35 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। उनके विरोधी लगातार उत्तर प्रदेश सरकार को शिकायत पर शिकायत कर रहे थे। अभी तक कोई एक्शन किसी नेता की शिकायत पर नहीं हुआ।
अब चूंकि रामपुर में आजम खान और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच ऐसे हालात बने हैं, जिसमें दोनों पक्ष एक दूसरे हत्या कराने के आरोप लहगा रहे हैं। एक तरफ ज़िला प्रशासन के तीन अफसरों पर आरोप है कि वह आजम खान की हत्या कराना चाहते हैं तो दूसरी तरफ आजम खान और आजम खान का परिवार का आरोप है कि जिले का प्रशासन मेरी हत्या कराना चाहते हैं। इन सब के बीच अब स्थानीय प्रशासन और आजम खान इस लड़ाई को कितना व्यक्तिगत तौर पर लेते हैं, यह देखने वाली बात होगी। यहां फिलहाल हालात ये है कि दोनों तरफ से चल रहे वार पलटवार की वजह से रामपुर में ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में घमासान मचा हुआ है।
गौरतलब है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की बुनियाद रखी थी। विश्वविद्यालय के कैंपस में करोड़ों रुपए की लगत से एक सरकारी गेस्ट हाउस भी बनाया गया है । सपा नेता आजम खान अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को अपने अब तक की कमाई का एक छोटा सा अंश नहीं, बल्कि अपनी बहुत बड़ी उपलब्धि मानते हैं। इस उपलब्धि को तिहासिक बनाने के लिए वे लगातार काम कर रहे हैं। अपनी इस यूनिवर्सिटी को बेहतरीन तरह से चलाने के लिए ज्यादातर वक्त यूनिवर्सिटी में बिताते हैं।