उर्दू टीचरों पर कानून से जुड़ा था मामला
आजम खान ने भाषण देते हुए मुलायम सिंह सरकार के समय का एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा, ”मुलायम सिंह की सरकार बनी तो उन्होंने मुझसे पूछा कि आपका मशविरा क्या है? इस पर मैंने कहा कि उर्दू को रोजी रोटी से जोड़ा जाएगा। मुलायम सिंह ने कहा कि ठीक है लेकिन उर्दू को कैसे रोजी रोटी से जोड़ेंगे ये भी प्लान तैयार करे।
आजम खान ने आगे कहा, ”मैंने मुलायम सिंह से कहा कि ये कानून बने कि उर्दू जानने वाला चाहे कोई हो, उसको सरकारी नौकरी मिलेगी। जो सरकारी नौकरी में जो है, उसे इसी बुनियाद पर प्रमोशन मिलेगा। उन्होंने मुझे कानून बनाकर इसके लिए अधिगृहित कर दिया।”
पूर्व मंत्री आजम ने आगे कहा, “अफसरों ने मेरे कहने पर कानून तैयार किया और कैबिनेट से पास भी हो गया। तभी एक शख्स ने मुझे कहा कि आजम खान आपको चूना लगा दिया गया। क्योंकि कानून में शर्त है कि जिस क्लास में 5 बच्चे होंगे उसी में उर्दू टीचर रखा जाएगा। ऐसा होगा कि जो बच्चा आएगा मास्टर कहेगा कि अभी दूसरी क्लास में दाखिला ले लो 4 और आ जाएंगे तो मास्टर रखेंगे। मैं तुरंत ही मुलायम सिंह के पास पहुंचा और कहा कि फाइल से इस शर्त को नहीं हटाएंगे तो इस कानून का कोई फायदा नहीं। अल्लाहताला उस शख्स (मुलायम सिंह) को जहां भी हो, सुकून अता फरमाए। उन्होंने वो शर्त हटाने की लाइन तभी अपनी कलम से लिख दी। उन्होंने लिखा कि कोई हो या ना हो हर स्कूल में उर्दू टीचर रखा जाएगा।”