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राजस्थान इस ऐतिहासिक दुर्ग में यह हुआ कार्यक्रम, देखने पहुंचे देशी और विदेशी पर्यटक

कुंभलगढ़ फेस्टिवल के आगाज के साथ ही कार्यक्रमों की धूम शुरू हो गई है। कहीं पर पगड़ी बांधने की तो कहीं पर घूमर पर पर्यटक थिरक रहे हैं। देशी-विदेशी पावण्डों के चलते चहल-पहल बढ़ गई है।

राजसमंदDec 02, 2024 / 11:15 am

himanshu dhawal

कुंभलगढ़. स्थापत्य एवं संगीत कला प्रेमी महाराणा कुंभा के अजेय दुर्ग कुंभलगढ़ में 18 वे कुंभलगढ़ महोत्सव का रंगारंग आगाज रविवार को हुआ। राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए कलाकारों ने राजस्थान के विभिन्न प्रांतों की संस्कृति कला की छठा बिखरी नजर आई। प्रताप सर्कल से समारोह स्थल तक ढोल नगाड़ों एवं विभिन्न संगीत वाद्य यंत्रों के साथ कला का प्रदर्शन किया। जिप्सी संगठन की तरफ से 50 जिप्सी भी शोभायात्रा में शामिल की गई। इस दौरान राजस्थानी कलाकार, स्थानीय होटल व्यवसायी, वन विभाग, पर्यटक, भारतीय पुरातत्व विभाग और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। यात्रा प्रताप सर्कल से रवाना होकर हल्ला पोल, व्यू पॉइंट और मुख्य प्रवेश द्वारा रामपोल से पुष्प वर्षा के साथ प्रवेश कर दुर्ग स्थित गणेश मंदिर पहुंची। जहां पूजा अर्चना के बाद सभी अतिथि याज्ञवेदी चौक में पहुंचे। जहां कुंभलगढ़ फेस्टिवल का शुभारंभ उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह रत्नू, उदयपुर पर्यटन निगम अधिकारी शिखा सक्सेना, कुंभलगढ़ प्रधान कमला दसाणा, तहसीलदार पर्वत सिंह राठौड़, विकास अधिकारी मांगीलाल गुर्जर, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष भारतपाल सिंह शेखावत एवं हेरीटेज सोसायटी के सचिव कुबेर सिंह सोलंकी सहित अतिथियों ने यज्ञ वेदी परिसर समारोह स्थल पर महाराणा कुंभा के चित्र की पूजा की। समारोह का आगाज जोधपुर से आए लंगा पार्टी जीवन नाथ एवं पार्टी ने केसरिया बालम आवोनी पधारो म्हारे देश से किया। पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि तीन दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल में राजस्थानी झलक दिखाई देगी।

कच्ची घोड़ी नृत्य ने बांधा समां

उद्घाटन के साथ ही पहले दिन सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक लोक कलाकारों की विभिन्न प्रस्तुतियां हुई। जिसमें सत्यनारायण बूंदी से कच्ची घोडी, अप्पा नाथ जोधपुर से कालबेलिया नृत्य, मीना देवी बाड़मेर से घूमर के साथ जीवन नाथ जोधपुर से मंगणियार कलाकार, आशा बाई बारा से चकरी नृत्य, गोपाल धानुक बारा से सहरिया नृत्य, तगाराम बाड़मेर से सफेद आंगी गैर नृत्य तथा चरी नृत्य सहित राजस्थान के प्रसिद्ध नृत्यों की प्रस्तुतियां हुई। साथ ही साफा बांधों प्रतियोगिता, रंगोली मांडना, रस्सा कशी सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित हुई जिसमें विजेताओं को पर्यटन विभाग की ओर से पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा चित्तौड़ से आए दुर्गाशंकर ने बहरूपिया बनकर लोगों का मनोरंजन किया।

घूमर पर झूमे पर्यटक

कार्यक्रम में जैसे ही राजस्थानी घूमर नृत्य की प्रस्तुति हुई तो परिसर में मौजूद देसी- विदेशी महिला पर्यटकों ने भी कलाकारों के साथ खूब ठुमके लगाए। रविवार की छुट्टी होने से पर्यटकों के अलावा स्कूल के बालक बालिकाएं भी अच्छी संख्या में मौजूद रहे। इस बार शोभायात्रा के अलावा लखेला तालाब की पाल पर स्थानीय व्यापार मंडल और होटल एसोसिएशन की ओर से फूड कोर्ट लगाया।

ये रहे मौजूद

कार्यक्रम में जन प्रतिनिधि प्रेमसुख शर्मा, थाना अधिकारी विशाल गवारिया मय जाब्ता, वन विभाग से सत्येंद्र सिंह, जिप्सी संगठन के अध्यक्ष अल्पेश असावा, सरपंच संगठन के अध्यक्ष बिशन सिंह राणावत, गोवर्धन सिंह झाला, भारतीय पुरातत्व विभाग के धर्मेंद्र और भंवरलाल गमेती सहित अतिथि मौजूद रहे।चालन उदयपुर से आई उमा जोशी और डॉक्टर सरिता शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया। रात्रिकालिन कार्यक्रम में तीनों दिन अलग-अलग कलाकर अपनी प्रस्तुतियां देंगे। प्रथम दिन रविवार शाम को फेस्टिवल ग्राउंड में रत्ना दत्ता ग्रुप कि ओर से क्लासिकल आर्ट फोर्म में कत्थक, ओडिसी व भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी जाएगी।

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