कच्ची घोड़ी नृत्य ने बांधा समां
उद्घाटन के साथ ही पहले दिन सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक लोक कलाकारों की विभिन्न प्रस्तुतियां हुई। जिसमें सत्यनारायण बूंदी से कच्ची घोडी, अप्पा नाथ जोधपुर से कालबेलिया नृत्य, मीना देवी बाड़मेर से घूमर के साथ जीवन नाथ जोधपुर से मंगणियार कलाकार, आशा बाई बारा से चकरी नृत्य, गोपाल धानुक बारा से सहरिया नृत्य, तगाराम बाड़मेर से सफेद आंगी गैर नृत्य तथा चरी नृत्य सहित राजस्थान के प्रसिद्ध नृत्यों की प्रस्तुतियां हुई। साथ ही साफा बांधों प्रतियोगिता, रंगोली मांडना, रस्सा कशी सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित हुई जिसमें विजेताओं को पर्यटन विभाग की ओर से पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा चित्तौड़ से आए दुर्गाशंकर ने बहरूपिया बनकर लोगों का मनोरंजन किया।
घूमर पर झूमे पर्यटक
कार्यक्रम में जैसे ही राजस्थानी घूमर नृत्य की प्रस्तुति हुई तो परिसर में मौजूद देसी- विदेशी महिला पर्यटकों ने भी कलाकारों के साथ खूब ठुमके लगाए। रविवार की छुट्टी होने से पर्यटकों के अलावा स्कूल के बालक बालिकाएं भी अच्छी संख्या में मौजूद रहे। इस बार शोभायात्रा के अलावा लखेला तालाब की पाल पर स्थानीय व्यापार मंडल और होटल एसोसिएशन की ओर से फूड कोर्ट लगाया।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में जन प्रतिनिधि प्रेमसुख शर्मा, थाना अधिकारी विशाल गवारिया मय जाब्ता, वन विभाग से सत्येंद्र सिंह, जिप्सी संगठन के अध्यक्ष अल्पेश असावा, सरपंच संगठन के अध्यक्ष बिशन सिंह राणावत, गोवर्धन सिंह झाला, भारतीय पुरातत्व विभाग के धर्मेंद्र और भंवरलाल गमेती सहित अतिथि मौजूद रहे।चालन उदयपुर से आई उमा जोशी और डॉक्टर सरिता शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया। रात्रिकालिन कार्यक्रम में तीनों दिन अलग-अलग कलाकर अपनी प्रस्तुतियां देंगे। प्रथम दिन रविवार शाम को फेस्टिवल ग्राउंड में रत्ना दत्ता ग्रुप कि ओर से क्लासिकल आर्ट फोर्म में कत्थक, ओडिसी व भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी जाएगी।