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जिला अस्पताल में दो विभाग के लगे ताले, अब ट्रोमा सेंटर भी बंद करने की तैयारी

बातें मेडिकल कॉलेज की, जिला अस्पताल को ही को बना रहे रेफरल

राजसमंदNov 06, 2019 / 10:46 am

laxman singh

,जिला अस्पताल में दो विभाग के लगे ताले, अब ट्रोमा सेंटर भी बंद करने की तैयारी

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद
आरके राजकीय जिला चिकित्सालय राजसमंद के संचालन पर ही खतरा मंडराने लगा है। चिकित्सा विशेषज्ञों के तबादले से मानसिक रोग व नेत्र विभाग पर ताले लग चुके हैं और अब हड्डी रोग विशेषज्ञ का भी भीम तबादला कर सरकार ने जिला चिकित्सालय के ट्रोमा अस्पताल को ही बंद करने की तैयारी कर ली है। एक तरफ राजसमंद में मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी चल रही है, दूसरी तरफ जनप्रतिनिधि अपने राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने के लिए जिला अस्पताल को ही मोहरा बना दिया है। इससे राजसमंद शहर ही नहीं, बल्कि जिलेभर के लोगों को इलाज के लिए उदयपुर- भीलवाड़ा जाना ही एकमात्र विकल्प रह जाएगा। गंभीर परिस्थिति के बावजूद न तो प्रशासन द्वारा कोई ध्यान दिया जा रहा है और न ही राज्य सरकार द्वारा कोई ध्यान दिया जा रहा है। यही नहीं, घटना, दुर्घटना के घायल को भी उपचार नसीब नहीं हो पाया, जिसे उदयपुर ही ले जाना पड़ेगा। हादसे के बाद तत्काल उपचार के अभाव में कई घायलों की जान पर आफत खड़ी हो जाएगी।
जानकारी के अनुसार आरके जिला चिकित्सालय में मानसिक रोग विभाग से डॉ. शिशुपालसिंह चौधरी का अलवर तबादला हो गया, जबकि सवाईमाधोपुर से मानसिक विशेषज्ञ का राजसमंद स्थानान्तरण हुआ था, उसने ज्वाइन ही नहीं किया। इसके चलते मानसिक रोग विभाग पर ताले ही लग गए। प्रतिदिन 15 से 20 मानसिक पीडि़तों का आउटडोर था, मगर अब न तो परामर्श देने वाला कोई है और न ही उपचार मिल पा रहा है। इसी तरह नेत्र विभाग में डॉ. योगेंद्र वर्मा ने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृती) ले लिया। इस कारण नेत्र विभाग में 100 से ज्यादा का आउटडोर था, जबकि 30-40 के आंखों की जांच व पांच से छह लोगों के आंखों के ऑपरेशन हर रोज हो रहे थे और पांच दिन से अब एक भी व्यक्ति के आंख की जांच नहीं हो पाई। इसके अलावा ऑर्थोपेडिक विभाग में करीब छह माह पहले डॉ. अशोक कुलदीप का बांसवाड़ा तबादला हो गया, जिन्होंने रिलीव होने के बाद नौकरी ही छोड़ दी। फिर अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र पालीवाल भी सेवानिवृत हो गए, मगर डॉ. धर्मवीर बुनकर की नियुक्ति के बाद आर्थोपेडिक विभाग यानि जिला ट्रोमा सेंटर की व्यवस्था सुचारू चलती रही। अब अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. बुनकर का राजकीय सामुदायिक अस्पताल भीम में तबादला हो गया, मगर आरके जिला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था को देखते हुए रिलीव ही नहीं किया और एक बार जिला प्रशासन द्वारा भी रिलीव नहीं करने के मौखिक आदेश दे दिए। अब येन केन प्रकारेण अस्थि रोग विशेषज्ञ को राजसमंद से रिलीव करवा भीम ज्वाइन कराने पर राजनीतिक जोर लगाया जा रहा है।
लाखों की मशीनरी और स्टाफ भी बेकार
ऑर्थोपेडिक विभाग जिला अस्पताल परिसर में बने ट्रोमा सेंटर में चल रहा है, जहां हड्डी के फैक्चर रोगियों के लिए 25 बेड के दो वार्ड बने हुए हैं। तत्काल एक्सरे के लिए डिजिटल एक्सरे मशीन भी बनी हुई है। डॉ. बुनकर का तबादला होते ही लाखों रुपए के डिजिटल एक्सरे मशीन के साथ सारे संसाधन और करीब 7 नर्सेज का स्टाफ बेकार हो जाएगा। इस तरह पूरे ट्रोमा सेंटर पर ताले ही लग जाएंगे। प्लस्तर कक्ष भी नहीं रहेगा।
:: यह है इलाज की स्थिति ::
मानसिक विभाग
20-25 रोगियों का था प्रतिदिन आउटडोर
700 से ज्यादा रोगियों का नियमित फॉलोअप
10 आउटडोर शिविर से उपचार

नेत्र विभाग
6 लोगों के आंख ऑपरेशन प्रतिदिन
35-40 लोगों के आंखों की जांच
100 से ज्यादा का प्रतिदिन आउटडोर

ऑर्थोपेडिक विभाग
4-5 हड्डी के ऑपरेशन प्रतिदिन
22-25 लोगों के प्रतिदिन प्लस्तर
200 लोगों का आउटडोर
50 से ज्यादा प्रतिदिन डिजिटल एक्सरे

रिलीव तो करना ही पड़ेगा
डॉ. बुनकर का तबादला सरकार से हुआ। इसलिए रिलीव तो करना ही पड़ेगा। वैकल्पिक तौर पर किसी अन्य डॉक्टर को लगाने अथवा डॉ. बुनकर को ही भीम से दो तीन दिन राजसमंद लगाने की व्यवस्था करेंगे। सभी पद भरने के लिए सरकार को लिखा जाएगा। साथ ही उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
अरविंद पोसवाल, जिला कलक्टर राजसमंद
तबादला निरस्त करने को लिखा
मानसिक रोग विशेषज्ञ का तबादला होने से रिलीव हो गए, जबकि नेत्र विशेषज्ञ ने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली। ऑर्थोपेडिक विभाग से डॉ. बुनकर का भीम तबादला हो गया, मगर मैंने सरकार को लिखा है। जिला कलक्टर को भी अवगत कराया। फिर भी मुझे तो रिलीव करने के निर्देश मिल गए हैं। प्रयास यही है कि तबादला निरस्त हो जाए। डॉ. बुनकर के जाने के बाद तो ट्रोमा पर ताले जडऩे की नौबत आ जाएगी। खास तौर से घटना, दुर्घटना के घायलों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल सकेगा।
डॉ. एचसी सोनी, प्रमुख चिकितसा अधिकारी आरके जिला चिकित्सालय राजसमंद
जनता की सेहत से खिलवाड़
राजनीतिक द्वेषता से जिला अस्पताल से डॉक्टरों को हटाकर आमजन की सेहत से खिलवाड़ करने का प्रयास रचा गया है। यह राजीतिक षडय़ंत्र है। इसके लिए मैंने चिकित्सा निदेशालय में बात की है। जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर चेता दिया। अगर डॉ. बुनकर को रिलीव किया, तो उग्र आंदोलन करेंगे।
किरण माहेश्वरी, विधायक राजसमंद

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